अग्नि प्रकट करने का मंत्र कौनसा है – पूरी विधि और नियम जाने

अग्नि प्रकट करने का मंत्र कौनसा है – पूरी विधि और नियम जाने – दोस्तों हिंदू शास्त्रों के अनुसार तंत्र मंत्र में इतनी शक्ति होती है की अगर हम किसी को भी वश में करना चाहे तो कर सकते हैं. लेकिन यह सभी कार्य बहुत ही कठिन होते है जिसे करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती हैं. जो लोग लंबे समय से इंतजार कर रहे है की आग प्रकट करने वाला मंत्र कौनसा है. उनकी मन की इच्छा आज पूरी होगी आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको अग्नि प्रकट करने का मंत्र बताएगे.

जिस प्रकार सूर्य देवता अपने कर्म को नहीं भूलते है और समय पर उदय होते है और समय पर अस्त होते है. उसी तरह आपको भी इस मंत्र का जप करके सिद्ध करना होगा. जैसे की हम सभी जानते है की अग्नि भी एक देवता है जिसे हम अग्नि देवता या ब्रह्मा देव कहते हैं.

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अपने कर्म के अनुसार हम भी अग्नि देवता तथा ब्रह्मा देव को हम अपने समक्ष प्रकट कर सकते है. सिर्फ आपको अपने होंसले बुलंद रखके मेहनत करनी होगी. और ईश्वर के प्रति श्रद्धा रखनी होगी. और अपने कर्म को सही रखना होगा तथा विधि नियम का पालन करना होगा तभी आपका कार्य सिद्ध होगा.

जो अग्नि प्रकट करने का मंत्र हम आपको बताने जा रहे है. अगर आप इसे पूरा कर सकते है. तभी कदम उठाना अगर आपने इसे रास्ते में आधा ही छोड़ दिया तो यह आप के लिए बहुत नुकसान दायक तथा हानिकारक हो सकता हैं. इसलिए सबसे पहले यह संकल्प लेना होगा की आप इसे पूरा कर पाएगे या नहीं उसके पश्चात ही आगे बढ़ना हैं.

अग्नि प्रकट करने का मंत्र कौनसा है

तो चलो जो इस मंत्र के बारे में जानना चाहते है उनको हम मंत्र बता देते हैं. जो निम्नलिखित हैं.

अग्नि प्रकट करने का मंत्र

ॐ वं वहि तुभ्यं नम:

अग्नि प्रकट करने का मन्त्र का जाप करने की विधि

दोस्तों इस मंत्र का जप अमावस्या की रात को 12 बजे किसी पवित्र स्थान पर बैठकर सामने ब्रह्मा देव की तस्वीर रखिये अब इस मंत्र का 11 लाख बार जप करना हैं. इस मंत्र का 11 लाख बार जप करने से मंत्र और भी शुद्ध हो जाता हैं. उसके बाद आप किसी भी हवन कुंड में अग्नि प्रकट कर सकते हैं.

अग्नि प्रकट करने का  मन्त्र का जाप करने के नियम

लेकिन दोस्तों इस मंत्र को सिद्ध करने से पहले कुछ नियम है जो आपको जानने बहुत जरूरी हैं.

सर्वप्रथम तो आपको यह ध्यान रखना होगा की आप जिस जगह पर बैठकर कर मंत्र जप करने वाले है वहा आसपास कोई होना नहीं चाहिए. तथा यह भी ध्यान रखना होगा की मंत्र जप करते समय आपको कोई रोकना नहीं चाहिए यह मंत्र एक बार शुरू कर दिया फिर निरंतर करते रहना हैं. अगर किसी ने मंत्र जप करते हुए रोक लिया तो आपका कार्य सिद्ध नही होगा. उसके बाद जिस जगह पर बैठकर मंत्र जप करने वाले है उस जगह पर गंगाजल छिडककर शुद्ध करना होगा.

धर्म शास्त्र के अनुसार यह माना जाता है की इस मंत्र का 11 लाख बार जप करने से यह मंत्र शुद्ध हो जाता है और अग्नि देवता सदैव आप पर उनकी कृपा बनाए रखते हैं उसके पश्चात आप इस मंत्र का प्रयोग कर सकते हैं. लेकिन इस मंत्र का प्रयोग करके आपने कुछ गलत किया और दुसरे को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की तो इसका उल्टा असर आप पर पड सकता हैं. क्योंकि ब्रह्मा देव कभी भी किसी को नुकसान करने की इजाजत नहीं देते हैं.

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जब भी आप मंत्र का जप करने बैठे तब मंत्र का उच्चारण सही करे ध्यान रहे की मंत्र का उच्चारण गलत नहीं हो. जब भी मंत्र जप करने की शुरुआत करे अपने दोनों हाथों को जोड़ ले इसके पश्चात मंत्र जप करे इस से मंत्र की शक्ति और तेज हो जाती है जिसका लाभ आपको मिलेगा. जब तक यह क्रिया समाप्त नही हो जाती है तब तक अगरबत्ती जलाते रहना चाहिए जिस प्रकार हमने बताया उसी प्रकार आपको सभी कार्य करने है जिस से आपको सफलता अवश्य मिलेगी.

पहले के ज़माने में ऋषि मुनि और बड़े बड़े ज्ञानी ऐसे ही प्रयास किया करते थे तब जाकर उन्हें सफलता मिलती थीं.

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने इस आर्टिकल (अग्नि प्रकट करने का मंत्र कौनसा है – पूरी विधि और नियम जाने) के माध्यम से आपको अग्नि प्रकट करने का मंत्र बताया जब भी आप इस मंत्र का प्रयोग करने का संकल्प करे उसे पूरा करना जरूरी होता हैं. इस मंत्र को 11 लाख बार जप करना होता है इसलिए मेहनत का काम है जिसे कही लोग पूरा नही कर पाते हैं.

इस मंत्र का जप करने की शुरुआत जब भी करे एक शांत और आसपास कोई ना हो ऐसे जगह का चुनाव करे क्योंकि मंत्र उच्चारण के समय कोई भी बाधा बिच में नहीं होनी चाहिए. अगर आप इस मंत्र का प्रयोग करना चाहते है तो पहले संकल्प लेना होगा की आप पूरा कर पाते हो या नहीं इसके बाद ही अपना कार्य शुरू करे.

दोस्तों हम आशा करते है आपको हमारा यह आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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