बाएं हाथ की तर्जनी में पुखराज पहनने से क्या होता है – गुरु से जुडी समस्या के निवारण के लिए पुखराज पहनने की सलाह दी जाती हैं. इसलिए पुखराज को बहुत ही अहम और महत्वपूर्ण रत्न माना जाता हैं. इसके अलावा पुखराज धनु और मीन राशि का प्रतिनिधित्व करने वाला रत्न भी माना जाता हैं. ऐसा माना जाता है की जिनकी कुंडली में गुरु अशुभ या कमजोर हैं.
ऐसे जातक को पुखराज धारण करने की सलाह दी जाती हैं. लेकिन कई बार पुखराज धारण करने के बाद भी जातक को लाभ नहीं दिखाई देता हैं. इसके पीछे यह कारण है की जातक ने सही उंगली या फिर सही तरीके से पुखराज धारण नहीं किया हैं.
दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले हैं की बाएं हाथ की तर्जनी में पुखराज पहनने से क्या होता है. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.
तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.
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बाएं हाथ की तर्जनी में पुखराज पहनने से क्या होता है
काफी लोगो का यह सवाल होता है की बाएं हाथ की तर्जनी में पुखराज पहनने से क्या होता है. तो हम आपको बता रहे ही की आप पुखराज बाए या दाएं किसी भी हाथ की तर्जनी उंगली में पहने शुभ ही माना जाता हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आप किसी भी हाथ की तर्जनी उंगली में पुखराज धारण कर सकते हैं. आपको फायदा ही होगा.
लेकिन एक विशेष बात का ध्यान रखना होता हैं. आप जिस हाथ में पुखराज धारण कर रहे हैं. उस हाथ में नीलम, पन्ना तथा हीरा नहीं धारण करना चाहिए. अगर पुखराज के साथ आप नीलम, पन्ना और हीरा उसी हाथ में पहनते हैं. तो यह आपके लिए अशुभ हो सकता हैं. ऐसा करने से किसी भी रत्न का आपको कोई भी फायदा नहीं मिलेगा.
इसलिए आप दाए या बाए हाथ की किसी भी तर्जनी उंगली में पुखराज धारण करे आपके लिए शुभ माना जाएगा. लेकिन पुखराज के साथ हीरा, नीलम और पन्ना धारण न करे.
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पुखराज किस धातु में पहने
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पुखराज चांदी या सोने की अंगूठी में धारण कर सकते हैं. लेकिन अगर आप सोने की अंगूठी में धारण करते हैं. तो अतिउत्तम माना जाता हैं.
क्यों बाएं हाथ में रत्न पहनना चाहिए
रत्न शास्त्र के अनुसार रत्न में बहुत ही उर्जा पाई जाती हैं. इसलिए पहले के जमाने में भी लोग रत्न धारण किया करते थे. आपने कई बार देखा होगा की पहले के समय में राजा-महाराजा अपने मुकट पर रत्न लगाकर धारण किया करते थे.
ऐसा माना जाता है की दोनों भोहो के बीच में काफी ऊर्जा होती हैं. वह रत्न की उर्जा आकर्षित करने में सक्षम होती हैं. इसलिए रत्न के लिए माथे के बीच वाली जगह सबसे अधिक शुभ मानी जाती थी.
लेकिन आज के समय में ऐसा कर पाना नामुमकिन हैं. इसलिए शरीर के इस अंग के बाद हाथ ही शुभ माने जाते हैं. इसलिए लोग हाथ में रत्न धारण करते हैं. आप रत्न बाएं या दाएं किसी भी हाथ में धारण कर सकते हैं. इसलिए आप बाएं हाथ में भी रत्न धारण कर सकते हैं.
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पुखराज किस दिन पहनना चाहिए
पुखराज गुरु का प्रतिनिधित्व करने वाला रत्न माना जाता हैं. इसलिए गुरूवार के दिन पुखराज रत्न धारण करना शुभ माना जाता हैं. इस दिन भगवान विष्णु का भी दिन होता हैं. इसलिए आप गुरूवार के दिन रत्न धारण करते हैं. तो भगवान विष्णु का नाम लेते हुए रत्न पहने. इससे भगवान विष्णु के आशीर्वाद की प्राप्ति आपको होती हैं. इससे पुखराज रत्न पहनने के लाभ दुगुना मिलता हैं.
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निष्कर्ष
दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है की बाएं हाथ की तर्जनी में पुखराज पहनने से क्या होता है. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं.
हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.
दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह बाएं हाथ की तर्जनी में पुखराज पहनने से क्या होता है आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद
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