भैरव बाबा की पूजा किस दिन होती है – काल भैरव की पूजा विधि

भैरव बाबा की पूजा किस दिन होती है – काल भैरव की पूजा विधि – ऐसा माना जाता है की भैरव बाबा की पूजा करने से व्यक्ति के सभी दुखों का नाश होता हैं. क्योंकि भैरव बाबा को भगवान शिव का रूद्र स्वरूप माना जाता हैं. भैरव बाबा की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति की तमाम प्रकार की परेशानियां दूर होती हैं. और व्यक्ति को पुराने से पुराने रोग से मुक्ति मिलती हैं.

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अगर किसी जातक की कुंडली में राहू केतु का बुरा प्रभाव हैं. तो ऐसे लोगो को भैरव बाबा की पूजा करनी चाहिए. इससे राहू केतु का दोष खत्म हो जाता हैं. इसके अलावा भी भैरव बाबा की पूजा करने के काफी लाभ हैं. लेकिन आज भैरव बाबा की पूजा कब करनी चाहिए. इस बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करने वाले हैं. इसलिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की भैरव बाबा की पूजा किस दिन होती है. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

भैरव बाबा की पूजा किस दिन होती है  

भैरव बाबा को भगवान शिव का रूद्र स्वरूप माना जाता हैं. और सोमवार का दिन भगवान शिव का दिन माना जाता हैं. अगर आप सोमवार के दिन भैरव बाबा की पूजा करते हैं. तो यह शुभ फलदायी देने वाला होता हैं. इस दिन भैरव बाबा की पूजा करने से भैरव बाबा प्रसन्न होते हैं. और आपकी मनोकामना पूर्ण करते हैं.

इसके अलावा आप रविवार के दिन भी भैरव बाबा की पूजा कर सकते हैं. रविवार का दिन भैरव बाबा का दिन माना जाता हैं.

अगर आप रविवार के दिन भैरव बाबा की पूजा करते हैं. तो दुपहर के 12 बजे से पहले पूजा कर लेनी चाहिए. रविवार का दिन भी भैरव बाबा का अहम दिन माना जाता हैं. इसलिए अगर आप चाहे तो रविवार के दिन भी भैरव बाबा की पूजा कर सकते हैं.

हर महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती हैं. इस दिन भी भैरव बाबा की पूजा करना अच्छा माना जाता हैं. ऐसा माना जाता है की भगवान शिव इसी दिन भैरव बाबा के रूप में प्रकट हुए थे. इसलिए काफी लोग कालाष्टमी के दिन भैरव बाबा की पूजा अर्चना करके उनके आशीर्वाद की प्राप्ति करती हैं.

अगर आप इस दिन भैरव बाबा की पूजा करते हैं. तो आपके आसपास किसी भी प्रकार की बुरी आत्मा नहीं भटकती हैं. और आपको सभी रोगों से मुक्ति मिलती हैं. तो आप सोमवार, रविवार या फिर कालाष्टमी के दिन भैरव बाबा की पूजा कर सकते हैं.

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काल भैरव की पूजा विधि

काल भैरव की संपूर्ण पूजा विधि हमने नीचे बताई हैं.

  • काल भैरव की पूजा करने के लिए सबसे पहले आपको सोमवार, रविवार या कालाष्टमी इन दिन में से किसी भी एक दिन का चयन करना होगा.
  • चयन करने के बाद आपको इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर लेना हैं.
  • काल भैरव को भगवान शिव का स्वरूप माना जाता हैं. इसलिए काल भैरव की पूजा शुरू करने से पहले आपको भगवान शिव और दुर्गा की भी पूजा करनी चाहिए.
  • काल भैरव की पूजा करने के लिए आपको पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके बैठ जाना हैं. इसके बाद धुप दीप करने के बाद फल फ्रूट आदि अर्पित करना हैं.
  • काल भैरव को उड़द और तिल अवश्य अर्पित करे. इसके बाद मीठे में इमरती या जलेबी भी चढ़ाना चाहिए.
  • इसके बाद हो सके तो काल भैरव की आरती कर ले. और “ओम काल भैरवाय नम: मंत्र का 108 बार जाप करे.
  • इतना करने के बाद आपकी काल भैरव पूजा पूर्ण हो जाएगी.
  • पूजा करने के बाद आपको कुत्ते को रोटी तथा जरूरतमंद लोगो को दान करना चाहिए.

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है की भैरव बाबा की पूजा किस दिन होती है. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं.

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह भैरव बाबा की पूजा किस दिन होती है – काल भैरव की पूजा विधि आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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