Bhagwan Brihaspati dev ji ki aarti lyrics in hindi PDF download – बृहस्पति देव की महिमा से हम सब भलीभांति से परिचित है. और हमारे आस पास भी लोगो के द्वारा बृहस्पति देव का व्रत करते हुए हम देखते है. बृहस्पति देव की पूजा हमेशा आरती के साथ करनी चाहिए. इसलिए इस आर्टिकल में हम बृहस्पति देव की आरती का पीडीऍफ़ में डाउनलोड करने का लिंक दे रहे है.
लिंक में दिए गई आरती को डाउनलोड करके अपने मोबाइल में सहज रखे और जरूरत पढने कर इसका उपयोग करे. जिससे आपको कोई अन्य पुस्तक खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
Table of Contents
बृहस्पतिवार के दिन आरती, व्रत और पूजा की विधि
गुरुवार का दिन बृहस्पति देव का होता है. तथा बृहस्पति देव की पूजा व्रत और आरती गुरुवार के दिन करनी चाहिए. इसके लिए गुरुवार को सुबह जल्दी उठे और नहा कर पूजा की तैयारी में पूरे मन से लग जाए.
इस दिन केले के पेड़ की पूजा करे. इसके लिए केले के पेड़ को हल्दी, चने की दाल तथा मनुक्का चढ़ाए. इसके साथ ही शुद्ध घी का दिया जरुर जलाए. इस दिन सिर्फ एक बार ही भोजन को ग्रहण करे. आप अपने इच्छा अनुसार दोपहर या रात्रि का भोजन ले सकते है. बृहस्पति देव की पूजा बृहस्पति देवता की आरती के साथ करनी चाहिए
पूजा के बाद भगवान बृहस्पति देव की कथा जरुर करे. हम आपकी सहूलियत के लिए निचे बृहस्पति देव की कथा का लिंक दे रहे है.
Bhagwan Brihaspati dev ji ki aarti lyrics in hindi PDF Download
भगवान बृहस्पति देव की पूजा पुरे मन और समर्पण से करनी चाहिए. पूजा के लिए पहले से सब प्रकार की तैयारी होना अनिवार्य है. पूजा के वक्त आरती जरुर बोले तथा आपको आरती जितना हो सके उतनी तेज आवाज में बोलनी है. क्योंकि आरती के हर एक शब्द आपके आस पास के वातावरण को शुद्द और शांति करेगे. और आपके जीवन में खूब खुशिया लाएगे.
हम निचे बृहस्पति देव की आरती को PDF में डाउनलोड करने का लिंक दे रहे है. आप डाउनलोड करके PDF को अपने पास मोबाइल में सहज कर रख सकते है. और जब भी जरूरत पड़े आप उपयोग में ले सकते है.
भगवान बृहस्पति देवता कीआरती
ॐ जय बृहस्पति देवा, जय बृहस्पति देवा.
छिन छिन भोग लगाऊ, कदली फल मेवा.
ॐ जय बृहस्पति देवा
तुम पूर्ण परमात्मा, तुम अंतर्यामी.
जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी.
ॐ जय बृहस्पति देवा
चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता.
सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता.
ॐ जय बृहस्पति देवा
तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े.
प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्वार खड़े.
ॐ जय बृहस्पती देवा
दीनदयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी.
पाप दोष सब हर्ता, भव बंधन हारी.
ॐ जय बृहस्पति देवा
सकल मनोरथ दायक, सब संशय तारो.
विषय विकार मिटाओ, संतन सुखकारी.
ॐ जय बृहस्पति देवा
जो कोई आरती तेरी प्रेम सहित गावे.
जेष्टानंद बंद सो- सो निश्चय पावे.
ॐ जय बृहस्पति देवा
निचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करके आप भगवान बृहस्पति देव की आरती को डाउनलोड कर सकते है:
Bhagwan Brihaspati dev ji ki aarti lyrics in hindi PDF download
हमारे कुछ शब्द
दोस्तों भगवान बृहस्पति देव से सच्चे मन से मांगने पर सब कुछ प्राप्त हो सकता है. इसलिए आप सच्चे मन और पूरी विधि के अनुसार भगवान बृहस्पति देव का व्रत रखे. और विधि अनुसार पूजा और आरती करे.
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गुरुवार का व्रत 7 बार रखना होता है. और कथा जरुर पढ़े हम उम्मीद करते है आपकी सारी मनोकामनाए भगवान बृहस्पति देव पूर्ण करेगे. और आप अपने जीवन में रोज एक नई ऊचाई को प्राप्त करेगे. ऐसी ही कामनाओ के साथ धन्यवाद.
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