जीण माता की कथा इन हिंदी और चमत्कार | जीण माता किसकी कुलदेवी है

जीण माता की कथा इन हिंदी और चमत्कार | जीण माता किसकी कुलदेवी है – जीण माता का शक्तिपीठ मंदिर राजस्थान के सीकर शहर के पास ओरण पर्वत में स्थित हैं. जीण माता को भगवती दुर्गा का ही स्वरूप माना जाता हैं. आज के समय में जीण माता की पूजा अनेक समाज के लोग उनकी कुलदेवी के रूप में करते हैं. जीण माता को लेकर एक कथा हैं. जो आज हम आपको बताने वाले हैं.

Jeen-mata-ki-katha-in-hindi-chamatkar-kuldevi-khani (1)

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से जीण माता की कथा इन हिंदी और चमत्कार बताने वाले हैं. तथा जीण माता किसकी कुलदेवी है, इनका मंदिर कहा स्थित है तथा मंदिर का निर्माण किसने कराया था. यह सभी जानकारी भी आपको प्रदान करने वाले हैं.

जीण माता की कथा इन हिंदी और चमत्कार

पुराने समय की बात है. मारवाड़ की धरती पर घांघूराव नामक एक महाबली हुआ. जिसने घांघूराज्य की स्थापना की और घांघूपूरी नामकी नगरी बसाई. उनका एक पुत्र था जिसका नाम हर्ष और एक पुत्री थी जिसका नाम जीवणकुँवरी था.दोनों भाई बहन में परस्पर अच्छा प्यार था.

gaaj mata ki kahani in hindi sunaiye / गाज माता की कहानी हिंदी में

जीवण माँ जगदम्बा की बहुत बड़ी भक्त थी. वह माँ जगदम्बा की सच्चे ह्रदय से भक्ति करती थी. जीवण को उनके माता-पिता और भाई हर्ष जीण नाम से ही बुलाते थे. वह जीण नाम से विख्यात हो गई. जीण के भाई हर्ष का सुंदर स्त्री आभलदे के साथ विवाह हुआ.

लेकिन दुर्भाग्यवश हर्ष के पिता उसी समय बीमार हुए. और मरते समय उन्होंने हर्ष से कहा की “तुम्हारी बहन जीण बहुत भोली हैं. वह हमेशा ही माँ जगदम्बा की भक्ति करती रहती हैं. उसे दुनियादारी के बारे में कुछ पता नहीं हैं. अगर गलती से तुम्हारी बहन से कोई भूल हो जाए. तो तुम्हारी पत्नी से उसका बचाव करना तुम्हारी जिम्मेदारी है”.

Bhagwan Brihaspati dev ji ki aarti lyrics in hindi PDF Download

तब हर्ष ने कहा की “पिताजी आप चिंता न करे मैं जीण का ख्याल रखुगा. आपकी कमी उसे कभी महसूस होने नही दूंगा”.

घांघूराव के मरने के बाद उनकी पत्नी क्षय रोग से पीड़ित हो गई. उसने भी मरते हुए हर्ष से कहा की “तुम जीण का ख्याल रखना. और वह अभी कुंवारी है. उसकी शादी की जिम्मेदारी अब तुम्हारी हैं. और उसको मेरी कमी कभी भी महसूस मत होने देना”. तब हर्ष ने उन्हें भी वचन दिया की वह जीण का ख्याल रखेगा. इस प्रकार हर्ष और जीण के माता-पिता की मृत्यु हुई.

Jeen-mata-ki-katha-in-hindi-chamatkar-kuldevi-khani (2)

माता-पिता की मृत्यु के बाद हर्ष की पत्नी ने जीण को परेशान करना शुरू कर दिया. लेकिन जीण ने कभी भी यह बात अपने भाई हर्ष को नहीं बताई. एक दिन जीण घर छोड़कर चली गई. यह बात सुनकर हर्ष उसे ढूंढने के लिए निकल पड़ा.

हर्ष को जीण रास्ते में मिल गई. और घर छोड़ने का कारण पूछा तब जीण ने भाभी द्वारा दी जा रही पीड़ा के बारे में बताया. उसने भाई से कहा की “भाभी ने उनकी सहेलियों के सामने मेरे चरित्र पर लांछन लगाया है”. इसलिए मैं भगवान सूर्य नारायण की प्रतिज्ञा लेकर घर से निकली हूँ. और घर वापिस नहीं लौट सकती हूँ.

Shree ram raksha stotra in hindi mein lyrics PDF Download free

उसने भाई हर्ष से कहा की वह अब माँ जगदम्बा की शरण में जाएगी. और वहा जो मिलेगा वह खाकर अपना गुजारा कर लेगी. यह सुनकर हर्ष को अपना वचन याद आया. जो उसने अपने माता-पिता को दिया था. की वह जीण का ख्याल रखेगा.

यह सभी बातें ध्यान में आते ही उसे भी वैराग्य हो गया. उसने भी सब राज महल और राजा का पद छोड़कर जीण के साथ जाने का फैसला लिया. जीण के बहुत समझाने के बाद भी हर्ष नही माना. और दोनों भाई बहन ओरण में स्थित जयंतीमाता के मंदिर चले गए.

वहा जाकर दोनों भाई बहन नी:स्वार्थ भक्ति करने लगे. जीण माता के ओरण में तप करती और हर्ष भैरव मंदिर में तप करता था. काफी वर्षो हो जाने के बाद एक दिन माता जयंती भाई बहन के तप को देखकर प्रकट हुई.

Hanuman chalisa hindi me likha hua / likhit main PDF download

तब माता ने भाई बहन को वरदान मांग ने को कहा तब जीण ने कहा की “मैं आपके स्वरूप में विलीन होना चाहती हूँ”

तब जयंतीमाता ने भाई बहन की बात मानी जीण जयंतीमाता के स्वरूप में विलीन हो गई और भाई हर्ष भैरव के स्वरूप में समाकर विलीन हो गया.

तब से आज दिन तक माँ जगदम्बा को जीण माता से जाना जाता हैं. तब से आज तक वहा काफी चमत्कार हुए हैं. लोगो के रोग और दुख दूर हुए हैं. जीण माता के दर्शन के लिए काफी लोग जाते हैं.

जप कामदेव गायत्री मंत्र 108 बार के लाभ | कामदेव गायत्री मंत्र जाप विधि और अर्थ

Jeen-mata-ki-katha-in-hindi-chamatkar-kuldevi-khani (3)

जीण माता किसकी कुलदेवी है

जीण माता माँ जगदम्बा तथा माँ जयंती का ही रूप हैं. जीण माता शेखावटी के यादव, राजपूत, पंडित, जांगिड, अग्रवाल, मीणा आदि जाति के लोगो की कुलदेवी हैं.

जीण माता का मंदिर कहां है

जीण माता का मंदिर राजस्थान में जयपुर से 115 किलोमीटर दूर सीकर जिले में अरावली की पहाडियों में स्थित हैं.

जीण माता मंदिर का निर्माण किसने करवाया

जीण माता मंदिर का निर्माण पृथ्वीराज चौहान ने करवाया था.

चेहरे के लिए मंत्र – सुंदरता के लिए कामदेव मंत्र – सौंदर्य प्राप्ति के मातृका मंत्र और विधि

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से जीण माता की कथा इन हिंदी और चमत्कार आपको बताए. तथा जीण माता मंदिर से जुडी अनेक जानकारी आपको प्रदान की हैं. हम उम्मीद करते है की आपको हमारा यह आर्टिकल उपयोगी साबित हुआ होगा.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह जीण माता की कथा इन हिंदी और चमत्कार | जीण माता किसकी कुलदेवी है आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

आकर्षण बीज मंत्र, जाप-विधि, फायदे और लाभ – सम्पूर्ण जानकारी

गुस्सा कम करने का मंत्र | क्रोध कम करने का उपाय / तरीका

मदार की जड़ से संतान प्राप्ति के उपाय / संतान प्राप्ति के लिए जड़ीबूटी

Leave a Comment