कुंडली में सप्तम भाव खाली हो तो क्या संकेत देता है / कुंडली में भाव कैसे देखे – जन्मकुंडली में सप्तम भाव को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता हैं. सप्तम भाव किसी दंपति के वैवाहिक जीवन का दर्पण माना जाता हैं. किसी स्त्री या पुरुष के संबंध के बारे में जन्मकुंडली के सप्तम भाव से विचार किया जा सकता हैं.
दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से कुंडली में सप्तम भाव खाली क्या संकेत देता है. तथा कुंडली में भाव कैसे देखे. तथा इसके अलावा और भी भाव के बारे में बताने वाले हैं.
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कुंडली में सप्तम भाव खाली हो तो क्या संकेत देता है
- जिस स्त्री की कुंडली में सप्तम भाव निर्बल होता है. या फिर सप्तम भाव पर शुभ ग्रहों दृष्टि नही होती उस स्त्री को कुविचार और बुरे स्वभाव वाला पति मिलता हैं.
- यदि सप्तम भाव में मेष, कर्क, तुला और मकर राशि मौजूद होती है तो उस स्त्री का पति विदेश में रहने वाला या भ्रमण शील होता हैं.
- अगर सप्तम भाव में वृषभ, सिंह, कुंभ या वृश्चिक राशि होती है. उस स्त्री का पति स्थिर स्वभाव का या घर में निवास करने वाला होता हैं.
- अगर सप्तम भाव में कन्या, धनु, मकर और मिथुन राशि होती हैं. तो उस स्त्री का पति कभी घर में तथा कभी विदेश में रहने वाला होता हैं.
- स्त्री की कुंडली में लग्न में सप्तम स्थान पर मंगल हो तो स्त्री बाल विधवा हो जाती हैं.
- अगर सप्तम भाव में सूर्य हो तो पति पत्नी को त्याग देता हैं.
- यदि सप्तम भाव में शनि हो तो कुंवारी अवस्था में पुरुष के साथ गलत संपर्क और यौन संबंध स्थापित करती हैं.
कुंडली में सप्तम भाव खाली हो तो इस प्रकार के संकेत देते हैं.
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कुंडली में भाव कैसे देखे
हमे जब भी पूजा पाठ करवाना होता है. तब पंडित या ज्योतिष की सलाह लेते हैं. और सलाह लेना भी जरूरी हैं. नहीं तो कोई ना कोई परेशानी खड़ी हो जाती हैं. लेकिन कभी कभी बार बार या छोटे काम के लिए भी ज्योतिष के पास जाना संभव नहीं हो पाता.
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लेकिन आपको खुद को कुंडली का ज्ञान हो तो कितनी अच्छी बात हैं. अगर आपको कुंडली के बारे में ज्ञान होगा तो आप खुद सावधानी रखेगे. और होने वाले नुकसान दे बच जाएगे.
कुंडली में भाव देखने के लिए नीचे दी गई बातो का ध्यान रखे
जिन लोगो की कुंडली में जो ग्रह उच्च कक्षा या स्वराशि का हो उस ग्रह की वस्तु का दान नही करना चाहिए. इसके विपरीत ग्रह अशुभ या नीच कक्षा का हो उन ग्रहों की वस्तु का दान नही लेना चाहिए. इस प्रकार से आप कुंडली देखने से आपको थोडा बहोत पता चल सकता हैं. लेकिन ज्योतिष की सलाह से काम करे तो अच्छा हैं.
कुंडली में 11 भाव खाली हो (कुंडली में 11 वें भाव के साथ चंद्रमा)
कुंडली में अगर 11 वें भाव के साथ चंद्रमाँ मौजूद है तो जातक को अपनी बहन या कन्या का कन्यादान प्रभात काल में नही करना चाहिए. ऐसा करने से पिता और बेटी दोनों ही दुखी होते हैं.
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कुंडली में 10 भाव खाली हो (कुंडली में 10 वें भाव के साथ बृहस्पति)
कुंडली में अगर दशवें भाव के साथ बृहस्पति है तो जातक अपने हाथों से पूजा स्थान न बनाए. और भिखारी को भिक्षा न दे. ऐसा कर ने से झूठे आरोप में फस सकते हैं.
कुंडली में 5 भाव खाली हो (कुंडली में पांचवें भाव के साथ बृहस्पति)
कुंडली में अगर पांचवे भाव के साथ बृहस्पति मौजूद है तो भिखारी को दान में तांबे का सिक्का नही देना चाहिए. ऐसा करने से कोई बड़ी होनी हो सकती हैं.
कुंडली में सप्तम भाव में शनि
कुंडली में सप्तम भाव में शनि मौजूद है तो यह अशुभ माना जाता हैं. यदि सप्तम भाव में शनि नीच राशि में मौजूद है तो विवाह में अड़चन आ सकती हैं. और अगर शनि के साथ सूर्य भी मौजूद होता है तो विवाह में देरी तो आती ही है. साथ में घर में कलह रहता हैं.
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निष्कर्ष
दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से कुंडली में सप्तम भाव खाली हो तो क्या संकेत देता है इस बारे में बताया. तथा और भी भाव के बारे में आपको जानकरी प्रदान की हैं.
दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह आर्टिकल कुंडली में सप्तम भाव खाली हो तो क्या संकेत देता है अच्छा लगा होगा. धन्यवाद
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