क्या श्री कृष्ण अहीर थे | अहीर की परिभाषा | अहीर किस जाति में आते हैं

क्या श्री कृष्ण अहीर थे | अहीर की परिभाषा | अहीर किस जाति में आते हैं – अहीर भारत का एक समुदाय हैं. इस समुदाय के अधिकतर लोगो को यादव समुदाय के रूप में जाना जाता हैं. क्योंकि यादव समुदाय दोनों नाम को समनार्थी मानते हैं. अहीर यदुवंशी क्षत्रिय है. जिनका पारंपरिक काम मवेशी पालन और कृषि करना हैं.

वे पुरे भारत में पाए जाते है. लेकिन उत्तरी भारतीय क्षेत्र में ज्यादा पाए जाते हैं. उन्हें कई नामो से जाना जाता है. जैसे की गवली और गोप से भी जाना जाता हैं.

लेकिन काफी लोग यह जानना चाहते है की क्या श्री कृष्ण आहिर थे. तो दोस्तों आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको क्या श्री कृष्ण अहीर थे, अहीर की परिभाषा, अहीर कितने प्रकार के होते है. तथा अहीर किस जाते में आते है. यह संपूर्ण जानकारी आपको हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपके साथ शेयर करेगे.

तो आइए चलो जानते है संपूर्ण जानकारी.

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क्या श्री कृष्ण अहीर थे

हा, श्री कृष्ण अहीर थे. यदुकुल में श्री कृष्ण का जन्म वासुदेव जी के पुत्र के रूप में हुआ था. वासुदेव जी यदुवंशी और यादव राजकुमार थे. अत्री गोत्र से संबंधित प्रत्येक व्यक्ति अहीर है. दुसरे शब्दों में कहा जाए तो प्रत्येक सोमवंशी अहीर है.

इसी सोमवंश में यदु हुए तो यादव भी अहीर हैं. प्रत्येक यादव अहीर माने जाते हैं. अब यादव और अहीर एक है तो इसी कुल में जन्म लेने वाले श्री कृष्ण भी अहीर हैं.

अहीर की परिभाषा

अहीर शब्द संस्कृत के आभीर का प्राकृत रूप है जिसका अर्थ निडर होता हैं. आभीर (निडर) जो हर तरफ से भय को दूर करने की क्षमता रखते हैं.

अहीर का इतिहास

अहीर उत्तरी और मध्य भारतीय क्षेत्र में फैले हुए है. यह एक पशुपालक जाति हैं. महाभारत और श्री मदभागवत गीता में भी अहीर का अस्तित्व देखने मिलता है. उस युग में उन्हें अहीर, आभीर, गोप या ग्वाला कहा जाता था. कुछ विद्वानों का मानना है की यह आर्यों से पहले आए है. लेकिन शारीरक गठन के अनुसार इन्हें आर्य माना जाता हैं.

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अहीर या अभीर यदुवंशी राजा यहुक के वंशज माने जाते हैं. शक्ति संगम तंत्र में उल्लेख किया गया है की राजा ययाति के दो पत्नी थी. जिनके नाम देवयानी और शर्मिष्ठा था. देवयानी से दो पुत्र हुए जिनके नाम यदु और तुर्वशु था.

जो यदु के वंशज यादव कहलाए. अहीर भारत की प्राचीन जाति हैं. जो अराजकता के लिए काफी प्रसिद्ध मानी जाती हैं.

अहीर किस जाति में आते हैं

अहीर भारत का एक समुदाय हैं. इस समुदाय के अधिकतर लोगो को यादव समुदाय के रूप में जाना जाता हैं. क्योंकि यादव समुदाय दोनों नाम को समनार्थी मानते हैं. अहीर यदुवंशी क्षत्रिय है. जिनका पारंपरिक काम मवेशी पालन और कृषि करना हैं.

अहीर कितने प्रकार के होते हैं

अहीर यदुवंशी,नंदवंशी और ग्वालवंशी इन तिन प्रकार से विभाजित किया गया हैं. प्रमुख रूप से देखा जाए तो अहीर को तिन सामाजिक वर्ग में बांटा गया हैं. यदुवंशी, नंदवंशी और ग्वालवंशी. इनको वंशोत्प्ती के हिसाब से विभाजित किया गया हैं.

जिसमे यदुवंशी स्वयं को राजा यदु का वंशज बताते हैं. नंदवंशी स्वयं को महाराजा नंद के वंशज बताते हैं. तथा ग्वालावंशी स्वयं को श्री कृष्ण के ग्वाल मित्रों से संबंधित बताते हैं.

एक दंतकथा के अनुसार जब श्री कृष्ण असुरो का वध करने जाते है तब माता यशोदा उन्हें उन्हें रोकती है फिर भी श्री कृष्ण अपने बालमित्रों के साथ यमुना पार करके चले जाते हैं. कृष्ण के साथ यमुना पार करने वाले यही बालसखा अहीर नंदवंशी कहलाए. कुछ इतिहासकरों के अनुसार यदुवंशी और नंदवंशी समानार्थी हैं.

ऐतिहासिक स्त्रोत के अनुसार देखा जाए तो यदु नरेश वासुदेव और नंद बाबा निकट के संबंधी और यदुवंशी थे. नंद बाबा की कोई संतान नही थी. इसलिए यदु राजकुमार श्री कृष्ण ही नंदवंश के पूर्वज कहलाए.

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अहीर अभीर शब्द का उल्लेख

अभीर शब्द का उल्लेख पतंजलि के महाभाषय, अष्टध्यायी और संस्कृत साहित्य इतिहास में भी मिलता हैं. जो की अहीर जाती की प्राचीनता को दर्शाता हैं.

निष्कर्ष

दोस्तों कुछ लोगो के मन में सवाल था की क्या श्री कृष्ण अहीर थे. तो आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बताया की हा श्री कृष्ण अहीर ही थे. उनका जन्म यदुवंशी राजा वासुदेव जी के पुत्र के रूप में हुआ था. वासुदेव जी यादव राजा थे. अहीर और यादव एक ही माने जाते हैं. इसलिए श्री कृष्ण अहीर थे.

इसके अलावा हमने आपको अहीर के इतिहास के बारे में बताया. तथा अहीर को तिन प्रकार में बांटा गया हैं. यदुवंशी, नंदवंशी और ग्वालवंशी यह भी बताया.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह आर्टिकल (क्या श्री कृष्ण अहीर थे | अहीर की परिभाषा | अहीर किस जाति में आते हैं) अच्छा लगा होगा. धन्यवाद.

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