मैहर में कितनी सीढ़ियां हैं – मैहर क्यों प्रसिद्ध है? – मैहर माता किसकी कुलदेवी है

मैहर में कितनी सीढ़ियां हैंमैहर क्यों प्रसिद्ध है? – मैहर माता किसकी कुलदेवी हैमैहर इस मंदिर के बारे में शायद ही कुछ लोग जानते हैं. यह मंदिर भारत के सतना जिले के मैहर शहर में त्रिकुट पर्वत पर मौजूद हैं. यह मैहर देवी का मंदिर माना जाता हैं. इसका मतलब माता का हार होता हैं. यह मंदिर बहुत ही प्राचीन मंदिर माना जाता हैं.

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ऐसा माना जाता है की इस मंदिर में रात्रि के समय कोई नहीं रुक सकता हैं. और अगर कोई इस मंदिर में रात्रि के समय रुक जाता हैं. तो उसकी मौत हो जाती हैं. यह मौत होने के पीछे यह कारण छिपा हुआ हैं. अदल और आल्हा नामक दो चिरंजीवी रोजाना रात को माता के दर्शन करने के लिए आते हैं.

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की मैहर में कितनी सीढ़ियां हैं तथा मैहर क्यों प्रसिद्ध है?. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले है. यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

मैहर में कितनी सीढ़ियां हैं

मैहर मंदिर त्रिकुट पर्वत पर मौजूद हैं. जिसकी ऊंचाई 600 फीट के करीब मानी जाती हैं. ऐसा माना जाता है की इस मंदिर तक पहुंचने के लिए चार भाग को पार करना पड़ता हैं. हर एक भाग में सीढियां लगाई गई हैं.

प्रथम भाग में करीब 480 सीढियां मौजूद हैं. दुसरे भाग में 228, तीसरे भाग में 147 और चौथे भाग में 196 के करीब सीढियां मौजूद हैं. अर्थात मैहर मंदिर तक जाने के लिए आपको लगभग 1100 से 1200 सीढियों को पार करना होगा.

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मैहर क्यों प्रसिद्ध है?

पुरे सतना जिले में सिर्फ एक मात्र शारदा माता का और प्राचीन मंदिर होने के कारण यह मंदिर प्रसिद्ध हैं. सतना जिले के मैहर शहर में यह मंदिर मौजूद हैं. इस मंदिर के नाम पर से ही इस शहर का नाम भी पड़ा हैं.

इस मंदिर के कुछ रहस्यों के कारण यह मंदिर काफी प्रसद्ध हैं. ऐसा माना जाता है की मंदिर में कोई भी रात नहीं रुक सकता हैं. अगर कोई इस मंदिर में गलती से भी रात रुक जाता हैं. तो उस व्यक्ति की मौत हो जाती हैं.

ऐसा माना जाता है की रात के समय में आल्हा और अदल नामक दो चिरंजीवी माता के दर्शन करने लिए आते हैं. और उनका पूजा-पाठ करते हैं. ऐसा माना जाता है की सबसे पहले यह दोनों ही माता की आरती करते हैं.

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सुबह के समय जब माता के पट खुलते हैं. तो कुछ न कुछ रहस्यमय वस्तु वहां देखने को मिलती हैं. कभी-कभी वहां पर अद्भुत खुशबू आती हैं. तो कई बार माता की प्रतिमा पर पुष्प चढ़े हुए मिलते हैं. इसलिए मैहर माता पर वहां के लोगो में काफी श्रद्धा हैं.

ऐसे ही रहस्य और अद्भुत चमत्कार के कारण मैहर प्रसिद्ध माना जाता हैं.

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मैहर माता किसकी कुलदेवी है?

मैहर माता किसकी कुलदेवी यह जानकारी तो अभी तक उपलब्ध नहीं हुई हैं. लेकिन ऐसा माना जाता है की मैहर माता के दर्शन करने के लिए हर एक जाति के लोग आते हैं. इस मंदिर के आसपास काल भैरव, हनुमानजी, शेष नाग, माता दुर्गा, जलापा देवी, फूलमती माता आदि मंदिर भी मौजूद हैं. मैहर माता के दर्शन करने के साथ-साथ लोग अपनी मान्यता के अनुसार इन सभी मंदिर में भी दर्शन करने के लिए जाते हैं.

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मैहर स्टेशन से मंदिर की दूरी

अगर आप हवाई मार्ग से मैहर मंदिर जाना चाहते हैं. तो जबलपुर से 140 किलोमीटर दूर खजुराहो एयरपोर्ट से सतना मार्ग से आसानी से मैहर देवी मंदिर जा सकते हैं. रेलमार्ग भी काफी सारे उपलब्ध हैं. जहां से काफी सारी ट्रेन चलती हैं. मैहर स्टेशन पहुंचने के बाद मंदिर की दुरी करीब 3 किलोमीटर के करीब हैं.

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है की मैहर में कितनी सीढ़ियां हैं तथा मैहर क्यों प्रसिद्ध है?. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की हैं.

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह मैहर में कितनी सीढ़ियां हैं / मैहर क्यों प्रसिद्ध है? / मैहर माता किसकी कुलदेवी है आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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1 thought on “मैहर में कितनी सीढ़ियां हैं – मैहर क्यों प्रसिद्ध है? – मैहर माता किसकी कुलदेवी है”

  1. Aakhir mandir me rukne se log jinda kyon nhi bachte.
    Aisa kya karan hai.ki log jinda nahi bachte
    Jab ki shrdha bhakti se ache jivan k liya sukh shanti ityadi ke liye prathna krte h.

    Or mata ke darbar me rukhne se mout ho jati h.? Iske piche kya karan h.

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