महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र के लाभ तथा पाठ करने की विधि – महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र मां भगवती का स्तोत्र माना जाता हैं. ऐसा माना जाता है की अगर कोई व्यक्ति किसी समस्या से पीड़ित हैं. तो इस स्तोत्र का पाठ करने से माँ भगवती प्रसन्न होती हैं. और आपकी सभी समस्या का निवारण करती हैं.
वैसे तो इस स्तोत्र का पाठ रोजाना करना अच्छा माना जाता हैं. लेकिन प्रत्येक व्यक्ति को महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र का पाठ नवरात्रि में अवश्य करना चाहिए. इससे माँ भगवती के आशीर्वाद की प्राप्ति होती हैं.
दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र के लाभ बताने वाले हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.
तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.
महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र के लाभ
महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र के कुछ मुख्य लाभ हमने नीचे बताए हैं.
- ऐसा माना जाता है की आपके जीवन में अगर किसी भी प्रकार की समस्या हैं. तो आपको महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र का पाठ रोजाना करना चाहिए. इससे माँ भगवती के आशीर्वाद की प्राप्ति होती हैं. और आपको सभी प्रकार की परेशानियों से मुक्ति मिलती हैं.
- इस स्तोत्र का पाठ नियमति रूप करने से मनुष्य के सभी संकट का विनाश होता हैं.
- जो व्यक्ति शक्ति की कामना रखता हैं. उन्हें रोजाना महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र का पाठ करने चाहिए. इससे व्यक्ति को शक्ति, साहस और बल की प्राप्ति होती हैं.
- हमारे पुराने शास्त्रों में बताया गया है की जो व्यक्ति दिन में एक बार भी महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र का पाठ कर लेता हैं. उसके जीवन में कभी भी किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आती हैं. ऐसे लोगो के साथ माँ भगवती के आशीर्वाद हमेशा के लिए बने रहते हैं.
- ऐसा भी माना जाता है की महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति को स्वर्ग की प्राप्ति होती हैं. ऐसे लोग कभी भी नरक में नहीं जाते हैं.
तो इस प्रकार से महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र का पाठ करने से मनुष्य को काफी सारे लाभ होते हैं. उनका जीवन सुखमय बनता हैं. इस स्तोत्र का पाठ करने की विधि हमने नीचे बताई हैं. अगर आप विधि सहित पाठ करते हैं. तो यह आपके लिए और भी अच्छा तथा अतिउत्तम माना जाता हैं.
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महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र का पाठ करने की विधि
- इस स्तोत्र का पाठ आप किसी भी दिन कर सकते हैं. अगर आप रोजाना इस स्तोत्र का पाठ करते हैं. तो आपके लिए और भी लाभदायी माना जाता हैं.
- जिस दिन आप महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र का पाठ करने का संकल्प लेते हैं. उस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके स्वच्छ हो जाए.
- अब माँ भगवती की प्रतिमा के आगे घी दीपक जलाकर पुष्प आदि अर्पित करे.
- इतना हो जाने के पश्चात महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र का पाठ शुरू करे.
- इस स्तोत्र का पाठ आप अपनी इच्छा अनुसार कितनी भी बार कर सकते हैं.
- पाठ समाप्त होने पर माँ भगवती से अपनी मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करे.
तो इस आसान तरीके से आप महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं.
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महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत का पाठ कब करना चाहिए
महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत का पाठ आप किसी भी दिन कर सकते हैं. जिस दिन आप इस स्तोत्र का पाठ करते हैं. सुबह के समय करे. सुबह के समय इस स्तोत्र का पाठ करना अच्छा माना जाता हैं. अगर आप नवरात्रि के नौ दिन महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत का पाठ करते हैं. तो यह आपके लिए काफी अच्छा और लाभदायी माना जाता हैं.
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महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र के रचयिता कौन है
महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र के रचयिता श्री आदि शंकराचार्य को माना जाता हैं.
महिषासुर मर्दिनी की मूर्ति कहां से प्राप्त हुई
वैसे तो इनकी मूर्ति प्राप्त करना मुश्किल काम हैं. क्योंकि आसानी से इनकी मूर्ति प्राप्ति नहीं होती हैं. लेकिन अगर आप अपने आसपास के किसी बड़े मंदिर या धार्मिक स्थल पर जांच करते हैं. तो आपको इनकी मूर्ति मिल सकती हैं. या फिर किसी मूर्तिकार से आप इनकी मूर्ति बनवा सकते हैं.
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निष्कर्ष
दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र के लाभ बताए है. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं.
हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.
दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र के लाभ / महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र का पाठ करने की विधि आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद
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