मंगला गौरी स्तोत्र के लाभ, पूजन विधि / मंगला गौरी मंत्र

मंगला गौरी स्तोत्र के लाभ, पूजन विधि / मंगला गौरी मंत्र – मंगला गौरी स्तोत्र भगवान शिव और माता गौरी का स्तोत्र माना जाता हैं. ऐसा माना जाता है की मंगला गौरी स्तोत्र का पाठ करने से भगवान शिव और माता गौरी के आशीर्वाद की प्राप्ति होती हैं. सावन के महीने में इस स्तोत्र का पाठ करना काफी अच्छा और लाभदायी माना जाता हैं. पारिवारिक सुख की प्राप्ति के लिए और मंगल दोष निवारण के लिए यह स्तोत्र लाभदायी माना जाता हैं.

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दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से मंगला गौरी स्तोत्र के लाभ बताने वाले हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

मंगला गौरी स्तोत्र के लाभ

मंगला गौरी स्तोत्र के कुछ मुख्य लाभ हमने नीचे बताए हैं.

  • मंगला गौरी स्तोत्र भगवान शिव और माता गौरी का स्तोत्र माना जाता हैं.
  • इस स्तोत्र का पाठ करने से भगवान शिव और माता गौरी के आशीर्वाद की प्राप्ति होती हैं.
  • ऐसा माना जाता है की इस स्तोत्र का रोजाना पाठ करने से मंगल दोष निवारण होता हैं.
  • मंगला गौरी स्तोत्र का पाठ करने से पारिवारिक जीवन में सुख आता हैं. तथा संतान संबंधी सुख की प्राप्ति होती हैं.
  • अगर किसी के जीवन में विवाह को लेकर बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं. तो ऐसे जातक को मंगला गौरी स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. इससे विवाह में आ रही बाधा दूर होती हैं. और मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति होती हैं.
  • ऐसा माना जाता है की मंगलवार के दिन माता गौरी की उपासना करके उनका व्रत आरंभ करने से वैवाहिक जीवन में आ रही बाधा दूर होती हैं.
  • मंगला गौरी स्तोत्र का पाठ महिला के लिए भी शुभ माना जाता हैं. इससे विवाहित महिला को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती हैं.
  • मंगला गौरी स्तोत्र का पाठ करने से मनुष्य को धन, संतान, सुख-शांति की प्राप्ति होती हैं.
  • मंगला गौरी स्तोत्र का पाठ करने से जीवनसाथी की आयु में वृद्धि होती हैं.
  • इस स्तोत्र का पाठ करने से मनुष्य को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती हैं.

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मंगला गौरी मंत्र

संपूर्ण मंगला गौरी मंत्र हमने नीचे बताया हैं.

ॐ रक्ष-रक्ष जगन्माते देवि मङ्गल चण्डिके। हारिके विपदार्राशे हर्षमंगल कारिके॥ हर्षमंगल दक्षे च हर्षमंगल दायिके। शुभेमंगल दक्षे च शुभेमंगल चंडिके॥ मंगले मंगलार्हे च सर्वमंगल मंगले। सता मंगल दे देवि सर्वेषां मंगलालये॥ पूज्ये मंगलवारे च मंगलाभिष्ट देवते। पूज्ये मंगल भूपस्य मनुवंशस्य संततम्॥ मंगला धिस्ठात देवि मंगलाञ्च मंगले। संसार मंगलाधारे पारे च सर्वकर्मणाम् ॥  देव्याश्च मंगलंस्तोत्रं यः श्रृणोति समाहितः। प्रति मंगलवारे च पूज्ये मंगल सुख-प्रदे॥ तन्मंगलं भवेतस्य न भवेन्तद्-मंगलम्। वर्धते पुत्र-पौत्रश्च मंगलञ्च दिने-दिने॥ मामरक्ष रक्ष-रक्ष ॐ मंगल मंगले।

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मंगला गौरी पूजन विधि

संपूर्ण मंगला गौरी पूजन विधि हमने नीचे बताई हैं.

  • मंगला गौरी पूजन के लिए सबसे पहले आप सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद साफ़ वस्त्र धारण कर ले.
  • अब आपके घर के मंदिर को अच्छे तरीके से साफ़ कर ले.
  • अब एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर माता गौरी और गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना करे.
  • अब माता गौरी और गणेश जी की प्रतिमा को तिलक करे. इसके बाद घी का दीपक जलाकर पुष्प आदि अर्पित करे.
  • अब मंगला गौरी स्तोत्र का पाठ करे. इस स्तोत्र का पाठ आप अपनी इच्छा अनुसार कितनी भी बार कर सकते हैं.
  • इस स्तोत्र का पाठ करने के बाद गणेशजी की आरती जरुर करे.
  • अब माता गौरी से अपनी मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करे.

तो इस आसान तरीके से आप मंगला गौरी पूजन कर सकते हैं.

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मंगला गौरी व्रत किस दिन करना चाहिए

मंगला गौरी व्रत आप मंगलवार के दिन कर सकते हैं.

मंगला गौरी किनका रूप माना जाता है

मंगला गौरी माता पार्वती का रूप माना जाता हैं.

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से मंगला गौरी स्तोत्र के लाभ बताए है. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं.

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह मंगला गौरी स्तोत्र के लाभ, पूजन विधि / मंगला गौरी मंत्र आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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