नाम से जन्म कुंडली बनाना | जन्म कुंडली के लाभ, रहस्य, ग्रहों के घर – कुंडली या जन्मपत्री को जन्म कुंडली के नाम से जाना जाता हैं. जो किसी भी व्यक्ति के जीवन में ग्रहों का क्या असर रहेगा वह दर्शाती हैं. किसी भी जातक की जन्म कुंडली का सटीक आंकलन कोई अनुभवी ज्योतिष ही कर सकता हैं.
वैदिक शास्त्र के अनुसार माना जाता है की सूर्य, चंद्रमा, पृथ्वी या ग्रह के आधार पर जातक के जीवन के बारे में भविष्यवाणी की जाती हैं. इस के लिए कुंडली चार्ट का उपयोग किसी भी व्यक्ति के भविष्य को देखने के लिए इस्तेमाल किया जाता हैं. तथा उन घटनाओं पर प्रकाश डाला जाता हैं. जो उनके जीवन को अच्छे या बुरे तरीके से प्रभावित करने वाली हैं.
अगर आप भी आपके नाम के आधार पर आपकी कुंडली बनाना चाहते है तो आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको नाम के आधार पर कुंडली बनाने का तरीका बताने वाले हैं. तथा जन्म कुंडली के लाभ और जन्म कुंडली के रहस्य के बारे में भी बताने वाले हैं.
तो आइये इस बारे में विस्तारपूर्वक जानते हैं.
नाम से जन्म कुंडली बनाना
अगर आप भी नाम से आपकी जन्म कुंडली बनाना चाहते है तो हमने नीचे वेबसाइट दिया हैं. उस पर क्लिक करके लिंक को खोले. अब आपके सामने एक पेज ओपन होगा. वहा अपना जन्म विवरण दर्ज कीजिए. और “जन्म कुंडली प्राप्त करे” का एक ऑप्शन दिखेगा वहा क्लिक करके अपनी जन्म कुंडली प्राप्त कर ले.
नाम से जन्म कुंडली बनाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके ओपन करे.
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कुंडली के माध्यम से आप अपने नक्षत्र, जनन राशि, दशा व दशाकाल तथा ग्रह और ग्रह की स्थित के बारे में जान पाएगे. जो आपके वैवाहिक जीवन, रिलेशनशिप, करियर, स्वास्थ्य और फाइनेंस को प्रभावित करते हैं.
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जन्म कुंडली के लाभ
यह ऑनलाइन कुंडली आप के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकती हैं. क्योंकि यह कुंडली जीवन में होने वाले सभी प्रकार के बदलाव जो की ग्रह दर्शाते हैं. कुंडली मिलने के बाद आपको समाधान और उपाय बताया जाता हैं.
जन्म कुंडली की मदद से व्यक्ति अपने भूतकाल, भविष्यकाल और वर्तमानकाल के बारे में जान सकता हैं. कुंडली की मदद से नक्षत्र और राशी में सूर्य, चंद्रमाँ और दुसरे सभी ग्रहों की स्थिति जान सकते हैं. जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति जानना बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. ग्रहों के बारे में अध्ययन किए बिना कुंडली नही बन सकती हैं.
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जन्म कुंडली के फायदे, जो निम्नलिखित हैं:
- जन्म कुंडली की मदद से व्यक्ति के भविष्य के बारे में आसानी से भविष्यवाणी की जा सकती हैं.
- जन्म कुंडली की मदद से व्यक्ति अपने करियर के बारे में जैसे की नौकरी और व्यापार के बारे में अनुमान लगा सकता हैं.
- जन्म कुंडली के आधार व्यक्ति के भविष्य और इसके गुणों के बारे में आसानी से पता लगाया जा सकता हैं.
- जन्म कुंडली से भविष्य में आने वाले संकट जैसे की कोई बीमारी या दुर्घटना के बारे में संकेत मिल सकता हैं.
- जन्म कुंडली बनाने के बाद व्यक्ति के करियर, स्वभाव, विवाह और जीवन में आने वाले तमाम पहलु के बारे में जानकरी प्राप्त कर सकता हैं.
- जन्म कुंडली से नाडी दोष, पितृ दोष, मंगल दोष आदि दोषों के बारे में जान सकते हैं.
- जन्म कुंडली के आधार पर आने वाले समय में अपने लिए अच्छे समय या बुरे समय के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
- जन्म कुंडली की सहायता से भाग्यशाली रत्न, रंग और अंक के बारे में पता किया जा सकता हैं.
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भारत में एक रिवाज है जो जब भी बच्चा पैदा होता हैं. तो सबसे पहले जन्म कुंडली ही बनाई जाती हैं. जन्म कुंडली उस बच्चे के जन्म समय ग्रहों स्थिति और नक्षत्रों की स्थिति के आधार पर बनाई जाती हैं. यह ज्योतिष के द्वारा बनाई जाती हैं.
कुंडली के रहस्य
हिंदू धर्म में मान्यता है की पूर्व जन्म भी कुछ था और अगला जन्म फिर से होगा. हिंदू ग्रंथो के अनुसार ऐसा माना जाता है की केवल शरीर नष्ट होता है. आत्मा तो अमर हैं. आत्मा जाकर दुसरे शरीर में प्रवेश करती हैं. और फिर से नए शरीर के साथ जन्म लेती हैं. यही सभी बातों का जिक्र जन्म कुंडली में होता है. जो सिर्फ ज्योतिष ही बता सकते है. जो हमारे लिए एक रहस्य वाली बात हैं.
कुंडली के रहस्य, जो निम्नलिखित है:
- जिस व्यक्ति की कुंडली में चार या उससे अधिक ग्रह उच्च राशी के होते हैं. उस व्यक्ति ने पिछले जन्म में उत्तम योनि भोगकर यहा जन्म लिया है. ऐसा ज्योतिष के अनुसार माना जाता हैं.
- लग्न में उच्च राशी का चंद्रमा हो तो वह व्यक्ति पूर्व जन्म में वणिक था. ऐसा माना जाता हैं.
- चार या उससे अधिक ग्रह किसी की कुंडली में नीचली राशी के है तो उसने पूर्व जन्म में जरुर ही आत्महत्या की हैं. ऐसा माना जाता हैं.
- अगर किसी की कुंडली में कर्क राशी में गुरु स्थित हैं. तो मृत्यु के बाद वह व्यक्ति उत्तम कुल में जन्म लेगा ऐसा माना जाता हैं.
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कुंडली में ग्रहों के घर
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी ग्रहों को एक एक दृष्टि मिली हुई हैं.मतलब की जो भी ग्रह जिस घर में बैठा है. वहा से सातवें से ग्रह को पूर्ण दृष्टि से देख सकता हैं. सूर्य, चंद्र, शुक्र और बुध को सातवीं दृष्टि मिली हुई हैं.
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शनि के पास सातवीं के साथ तीसरी और दसवी दृष्टि भी मिली हुई हैं. बृहस्पति के पास सातवीं दृष्टि के साथ साथ पांचवी और नौवी दृष्टि मिली हैं. मंगल को सातवीं दृष्टि के साथ चौथी और आठवी दृष्टि भी मिली हैं. और राहू केतु को सातवीं के साथ पांचवी और नौवी दृष्टि मिली हैं.
कुछ इस तरीके से समझे स्थिति
- सूर्य- 7
- चंद्र- 7
- मंगल- 4,7,8
- बुध- 7
- गुरु- 5,7,9
- शुक्र- 7
- शनि- 3,7,10
- राहू- 5,7,9
- केतु- 5,7,9
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निष्कर्ष
दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से नाम से जन्म कुंडली बनाने का तरीका बताया हैं. हमने इस आर्टिकल में दो लिंक दी है आपको लिंक ओपन करके सिर्फ अपना विवरण भर के कुंडली प्रप्ति करनी हैं. इसके अलावा कुंडली के फायदे और रहस्य आपको बताए हैं. आप के लिए यज आर्टिकल उपयोगी साबित होगा यह हम आशा करते हैं.
दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह आर्टिकल नाम से जन्म कुंडली बनाना | जन्म कुंडली के लाभ, रहस्य, ग्रहों के घर अच्छा लगा होगा. धन्यवाद
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