पर पुरुष गमन योग की जानकारी – शारीरिक संबंध ज्योतिष की जानकारी – पर पुरुष गमन योग के बारे में शायद ही किसी ने सुना होगा. ऐसे योग ज्योतिष शास्त्र में देखने को मिलते हैं. पर पुरुष गमन योग का अर्थ होता है किसी स्त्री या पुरुष का अन्य स्त्री या पुरुष के साथ अवैध संबंध होना.
यानि की पत्नी पति को छोड़कर पर पुरुष से अवैध संबंध रखती हैं. या फिर पति पत्नी को छोड़कर किसी अन्य स्त्री से अवैध संबंध रखता हैं. पर पुरुष गमन योग होने के पीछे ज्योतिष शास्त्र भी कारणरूप हो सकता हैं. यह योग कैसे बनता हैं. यह सभी जानकारी पाने के लिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.
दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से पर पुरुष गमन योग तथा कुंडली में शय्या सुख के बारे में बताने वाले हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं.
तो आइये हम आपकी इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.
पर पुरुष गमन योग
पर पुरुष गमन योग होने के पीछे ज्योतिष शास्त्र कारणरूप होता हैं. अगर आपकी कुंडली में नीचे दिए गए योग दिखाई देते हैं. तो वह पर पुरुष गमन योग हो सकता हैं. कुंडली में ऐसे योग के कारण जातक अवैध संबंध रखता हैं.
- किसी जातक की कुंडली में शुक्र या शनि की युति हैं. तो ऐसे जातक के वैवाहिक जीवन में कोई अन्य व्यक्ति आने की संभावना बनती हैं. ऐसे जातक अन्य पुरुष या स्त्री से अवैध संबंध रख सकते हैं.
- अगर किसी जातक की कुंडली के पंचम भाव में मंगल, शुक्र या शनि की युति होती हैं. तो ऐसा योग जातक के जीवन में पर पुरुष गमन योग का निर्माण करता हैं.
- किसी जातक की कुंडली के सप्तम भाव में यदि शुक्र या बुध मौजूद हैं. तो ऐसा योग पर पुरुष गमन योग कहलाता हैं. ऐसा योग होने पर जातक पर पुरुष या स्त्री से अवैध संबंध रखने के लिए कई तरीके अपनाता हैं.
- अगर किसी जातक की कुंडली में राहू या मंगल की युति है या फिर इन दोनों की दृष्टी शुक्र पर हैं. तो ऐसा योग पर पुरुष गमन योग का निर्माण करता हैं. जातक अवैध संबंध बनाने के लिए कोशिश करता रहता हैं. तथा उसका मन पर पुरुष में भटकता रहता हैं.
- अगर तुला राशि में चार ग्रह एक साथ मौजूद हैं. तो ऐसी स्थिति में पारिवारिक झगड़े होते हैं. और घर में कलह उत्पन्न होते हैं. पति-पत्नी के बीच मनमुटाव पैदा होता हैं. आदि कारणसर जातक अवैध संबध बनाने के लिए बाहर भटकता रहता हैं.
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शारीरिक संबंध ज्योतिष
अगर किसी जातक की कुंडली के द्रादश भाव, सप्तम भाव तथा पंचम भाव में मंगल, शुक्र, राहू तथा चन्द्रमा मौजूद हैं. तो ऐसा योग अवैध संबंध का निर्माण करता हैं. ऐसे योग के कारण जातक शारीरिक संबंध बनाने के लिए उत्साही रहता हैं.
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कुंडली में शय्या सुख
कुंडली में द्रादश भाव को शय्या सुख का भाव माना जाता हैं. अगर इस भाव पर किसी पाप ग्रह की दृष्टी है तो जातक जीवनभर के लिए शय्या सुख को तरसता रहता हैं. तथा इस भाव पर किसी अच्छे ग्रह की दृष्टी है. तो जातक को शय्या सुख की प्राप्ति होती हैं.
पतिव्रता पत्नी योग
अगर किसी जातक की कुंडली के सप्तम भाव में गुरु मौजूद हैं. तथा सप्तमेश शुभ भाव में हैं. तो ऐसे जातक को पतिव्रता पत्नी मिलती हैं. पत्नी अपने पति को प्यार करने वाली होती हैं. इसके अलावा सप्तमेश चतुर्थ या दसवें भाव में मौजूद हैं. तो ऐसे जातक को भी पतिव्रता पत्नी मिलती हैं.
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पत्नी से धन योग
अगर सप्तमेश तथा चुर्थेश का परिवर्तन योग है. तो ऐसे जातक को ससुराल तथा पत्नी की तरफ से धन की प्राप्ति होती हैं. लेकिन जातक की कुंडली में भाग्येश का सप्तम भाव में होना जरूरी हैं.
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निष्कर्ष
दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से पुरुष गमन योग तथा कुंडली में शय्या सुख के बारे में बताया हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं.
हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह जानकारी पहुंच सके.
दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह पुरुष गमन योग – शारीरिक संबंध ज्योतिष आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद
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