पिंड दान मंत्र तथा पिंड दान विधि – सम्पूर्ण जानकारी

पिंड दान मंत्र तथा पिंड दान विधि – सम्पूर्ण जानकारी – कई बार पितृ पक्ष में पिंड दान करने के लिए तथा पिंड दान विधि करने के लिए किसी पंडित या ब्राह्मण देवता की जरूरत पड़ती हैं. क्योंकि पिंड दान करने के लिए कुछ मंत्र जाप करने होते हैं. वह मंत्र सिर्फ पंडित या ब्राह्मण देवता को ही आते होते हैं.

लेकिन कई बार पितृ पक्ष में कोई भी ब्राह्मण या पंडित हमे नहीं मिल पाते हैं. तो हम दुविधा में फंस जाते हैं. और हम हमारे पूर्वजो का पिंड दान उस दिन नहीं कर पाते हैं.

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लेकिन ऐसी स्थिति से बचने के लिए हम आपको इस आर्टिकल में पिंड दान मंत्र तथा विधि बताएगे. जिससे आप घर पर ही आसानी से मंत्र सहित पिंड दान कर सकेगे. यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से पिंड दान मंत्र बताने वाले हैं. तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

Table of Contents

पिंड दान मंत्र / पिंडदान की विधि

पिंड दान मंत्र और संपूर्ण विधि हमने नीचे बताई हैं.

पिंड दान करने के लिए सबसे पहले आपको शहद, घी, तिल, धृत, गेंहू का आटा, दूध सभी को मिश्रित करके 12 पिंड बनाने हैं. पिंड दान बनाने के बाद सभी पिंड को केले के हरे पत्ते पर रख दीजिए.

अब कुशा बिछाते हुए इस मंत्र का जाप करे

ॐ कुशोऽसि कुश पुत्रोऽसि, ब्रह्मणा निर्मितः पुरा
त्वय्यचिर्तेऽचिर्तः सोऽस्तु, यस्याहं नाम कीर्तये

पिंड समर्पण के समय प्रार्थना

पिंड को कुशा पर बिछाने के बाद नीचे दिया गया मंत्र जाप करे

ॐ आब्रह्मणो ये पितृवंशजाता, मातुस्तथा वंशभवा मदीयाः
वंशद्वये ये मम दासभूता, भृत्यास्तथैवाश्रितसेवकाश्च
मित्राणि शिष्याः पशवश्च वृक्षाः, दृष्टाश्च स्पृष्टाश्च कृतोपकाराः
जन्मान्तरे ये मम संगताश्च, तेषां स्वधा पिण्डमहं ददामि

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पिंड दान विधि                          

अब आपको पिंड दान विधि शुरू करनी हैं. पिंड दान विधि शरू करने के लिए एक पत्तल लीजिए. अब एक-एक करके अपने हाथ में पिंड लेते हुए पत्तल में रखते जाए.

देवताओं के लिए पहला पिंड छोड़ते समय इस मंत्र का जाप करे

ॐ उदीरतामवर उत्परास, ऽउन्मध्यमाः पितरः सोम्यासः
असुं यऽईयुरवृका ऋतज्ञाः, ते नोऽवन्तु पितरो हवेषु

ऋषियों के लिए दूसरा पिंड छोड़ते हुए इस मंत्र का जाप करे

ॐ अंगिरसो नः पितरो नवग्वा, अथर्वणो भृगवः सोम्यासः
तेषां वय सुमतौ यज्ञियानाम्, अपि भद्रे सौमनसे स्याम

दिव्य आत्माओं के लिए तीसरा पिंड छोड़ते हुए इस मंत्र का जाप करे

ॐ आयन्तु नः पितरः सोम्यासः, अग्निष्वात्ताः पथिभिदेर्वयानैः, अस्मिन्यज्ञे स्वधया मदन्तः, अधिब्रवन्तु तेऽवन्त्वस्मान्

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दिव्य पित्तरों के लिए चौथा पिंड छोड़ते हुए इस मंत्र का जाप करे

ॐ ऊजर वहन्तीरमृतं घृतं, पयः कीलालं परिस्रुत्
स्वधास्थ तर्पयत् मे पितृन्

यम के लिए पांचवा पिंड छोड़ते हुए इस मंत्र का जाप करे

ॐ पितृव्यः स्वधायिभ्यः स्वधा नमः, पितामहेभ्यः स्वधायिभ्यः स्वधा नमः, प्रपितामहेभ्यः स्वधायिभ्यः स्वधा नमः, अक्षन्पितरोऽमीमदन्त, पितरोऽतीतृपन्त पितरः, पितरः शुन्धध्वम्

मनुष्यपितरों के लिए छठवां पिंड छोड़ते हुए इस मंत्र का जाप करे

ॐ ये चेह पितरों ये च नेह, याँश्च विद्म याँ२ उ च न प्रविद्म
त्वं वेत्थ यति ते जातवेदः, स्वधाभियञ सुकृतं जुषस्व

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मृतात्मा के लिए सातवां पिंड छोड़ते हुए इस मंत्र का जाप करे

ॐ नमो वः पितरो रसाय, नमो वः पितरः शोषाय, नमो वः पितरों जीवाय, नमो वः पितरः स्वधायै, नमो वः पितरों घोराय, नमो वः पितरों मन्यवे, नमो वः पितरः पितरों, नमो वो गृहान्नः पितरों, दत्त सतो वः पितरों देष्मैतद्वः, पितरों वासऽआधत्त

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पुत्रदार के लिए आठवां पिंड छोड़ते हुए इस मंत्र का जाप करे

ॐ पितृवंशे मृता ये च, मातृवंशे तथैव च,
गुरुश्वसुरबन्धूनां, ये चान्ये बान्धवाः स्मृताः,
ये मे कुले लुप्त पिण्डाः, पुत्रदारविवर्जिता:,
तेषां पिण्डों मया दत्तो, ह्यक्षय्यमुपतिष्ठतु.

कुलवंश के लिए नौवां पिंड छोड़ते हुए इस मंत्र का जाप करे

ॐ उच्छिन्नकुल वंशानां, येषां दाता कुले नहि,
धर्मपिण्डो मया दत्तो, ह्यक्षय्यमुपतिष्ठतु.

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गर्भपात से मरे हुए जिव के लिए दसवां पिंड छोड़ते हुए इस मंत्र का जाप करे

ॐ विरूपा आमगभार्श्च, ज्ञाताज्ञाताः कुले मम,
तेषां पिण्डों मया दत्तो, ह्यक्षय्यमुपतिष्ठतु.

इस जन्म या अन्य जन्म के लोगो के लिए ग्यारहवां पिंड छोड़ते हुए इस मंत्र का जाप करे

ॐ अग्निदग्धाश्च ये जीवा, ये प्रदग्धाः कुले मम्,
भूमौ दत्तेन तृप्यन्तु, धर्मपिण्डं ददाम्यहम्

सभी प्रकार की मृत आत्मा के लिए बारहवां पिंड छोड़ते हुए इस मंत्र का जाप करे

ॐ ये बान्धवाऽबान्धवा वा, ये न्यजन्मनि बान्धवाः
तेषां पिण्डों मया दत्तो, ह्यक्षय्यमुपतिष्ठतु

इस प्रकार से मंत्र सहित आपके सभी पिंड दान हो जाएगे. पिंड दान प्रक्रिया पूर्ण हो जाने के बाद सभी पिंडो को गाय या मछली को खिला दीजिए.

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निष्कर्ष

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह पिंड दान मंत्र तथा पिंड दान विधि आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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