पितरों को पानी देने का मंत्र / पितरों को किस दिशा में जल देना चाहिए

पितरों को पानी देने का मंत्र / पितरों को किस दिशा में जल देना चाहिए – पितरों को शांत करने के लिए तथा पितरों की तुप्ती के लिए पितृपक्ष में पितरों को पानी देने का नियम हैं. ऐसा माना जाता है की पितृपक्ष में पितरों को मंत्र सहित सही दिशा में पानी दिया जाए. तो उनकी आत्मा को शांति मिलती हैं. और पितृ हमारे पर प्रसन्न होते हैं. तथा उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती हैं.

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कई बार पितृदोष लगने की वजह से भी हमारे परिवार की शांति भंग हो जाती हैं. ऐसे पितृदोष को दूर करने के लिए पितृपक्ष में पितरों को पानी देने का नियम हैं.

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से पितरों को पानी देने का मंत्र बताने वाले हैं. इसके अलावा यह भी बताने वाले है की पितरों को किस दिशा में जल देना चाहिए. तथा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

पितरों को पानी देने का मंत्र

पितृ हमारे माता-पिता, दादा-दादी कोई भी हो सकता हैं. अगर आप पितृ को पानी दे रहे हैं. तो नीचे दिए गए मंत्रो का जाप करते हुए. पितरों को पानी दे. जिससे उनकी आत्मा को शांति मिलेगी. और आपको उनके शुभ आशीर्वाद की प्राप्ति होगी.

माता को पानी देने का मंत्र

अगर आप अपनी माता को पानी दे रहे हैं. तो इस मंत्र का जाप करे.

गोत्रे अस्मन्माता (अपनी माता जी का नाम) देवी वसुरूपास्त् तृप्यतमिदं तिलोदकम गंगा जल वा तस्मै स्वधा नमः,तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः।

पिता को पानी देने का मंत्र

अगर आप अपने पिता को पानी दे रहे हैं. तो इस मंत्र का जाप करे.

गोत्रे अस्मतपिता (अपने पिता जी का नाम) शर्मा वसुरूपत् तृप्यतमिदं तिलोदकम गंगा जलं वा तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः।

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दादा को पानी देने का मंत्र

अगर आप अपने दादा को पानी दे रहे हैं. तो इस मंत्र का जाप करे.

गोत्रे अस्मत्पितामह (अपने दादा जी का नाम) शर्मा वसुरूपत् तृप्यतमिदं तिलोदकम गंगा जलं वा तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः।

दादी को पानी देने का मंत्र

अगर आप अपनी दादी को पानी दे रहे हैं. तो इस मंत्र का जाप करे.

गोत्रे पितामां (अपनी दादी का नाम) देवी वसुरूपास्त् तृप्यतमिदं तिलोदकम गंगा जल वा तस्मै स्वधा नमः,तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः।

इस प्रकार से आप अपने रिश्तेदार को पानी देने के लिए मंत्र जाप कर सकते हैं. लेकिन ज्योतिष के अनुसार अगर आप अलग-अलग मंत्र जाप करने में असमर्थ हैं. तो सिर्फ एक मंत्र का जाप करके ही पितरों को पानी दे सकते हैं. जिसे पितृ गायत्री मंत्र के नाम से जाना जाता हैं.

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पितृ गायत्री मंत्र

ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्। ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:। ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि। शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्।

यह मंत्र जाप आप अपने किसी भी पितृ के लिए कर सकते हैं.

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पितरों को किस दिशा में जल देना चाहिए

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा को पितृ की दिशा माना जाता हैं. इसलिए आपको भी पितरों को दक्षिण दिशा में जल देना चाहिए.

पितरों को जल देने का समय

पितरों को जल देने का सही समय प्रात:काल 11:30 बजे से 12:30 के बीच का होता हैं.

पितरों को जल देने का तरीका

पितरों को जल देने के लिए तांबे के लौटे में जल लेकर दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके ऊपर दिए गए मंत्र जाप करते हुए पितरों को जल देना चाहिए.

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से पितरों को पानी देने का मंत्र बताया है. इसके अलावा यह भी बताया की पितरों को किस दिशा में जल देना चाहिए. तथा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं.

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह पितरों को पानी देने का मंत्र / पितरों को किस दिशा में जल देना चाहिए आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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