सत्यनारायण व्रत में क्या खाना चाहिए | सत्यनारायण कथा का महत्व

सत्यनारायण व्रत में क्या खाना चाहिए | सत्यनारायण कथा का महत्व – हिंदू सनातन धर्म में वैसे तो काफी व्रत आदि किए जाते हैं. लेकिन सत्यनारायण व्रत का कुछ विशेष ही महत्व हैं. सत्यनारायण व्रत करना फलदायी माना जाता हैं. इस दिन भगवान विष्णु के अवतार सत्यनारायण की पूजा अर्चना की जाती हैं. तथा भगवान सत्यनारायण के नाम से व्रत आदि किया जाता हैं.

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दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की सत्यनारायण व्रत में क्या खाना चाहिए. इसके अलावा सत्यनारायण कथा का महत्व भी बताने वाले हैं. साथ-साथ इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. इसलिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

सत्यनारायण व्रत में क्या खाना चाहिए

सत्यनारायण व्रत में आप निम्नलिखित वस्तु का सेवन कर सकते हैं:

  • आप सभी प्रकार के फल खा सकते है.
  • साबूदाना की खिचड़ी बनाकर खा सकते हैं.
  • इसके अलावा चीनी, आलू, कुट्टू, शकरकंद, जैतून, नारियल, दूध, सभी प्रकार के मेवें बादाम आदि का सेवन कर सकते हैं.
  • तथा नमक में सेंधा नमक का सेवन कर सकते हैं.
  • इस दिन आप किसी भी व्यंजन में कालीमिर्च तथा अदरक का इस्तेमाल कर सकते हैं.

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सत्यनारायण कथा का महत्व

स्कंद पुराण के अनुसार भगवान सत्यनारायण भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं. इसलिए जो व्यक्ति सत्यनारायण की कथा करवाता है और सत्यनारायण की कथा सुनता है. उस व्यक्ति के ऊपर भगवान विष्णु की विशेष कृपा बनी रहती हैं.

ऐसा माना जाता है की सत्यनारायण की कथा करवाने से घर में सुख-शांति बनी रहती हैं. और व्यक्ति का जीवन सुखमय बनता हैं. सत्यनारायण की कथा करवाने से भगवान सत्यनारायण प्रसन्न होते हैं. ऐसा माना जाता है की पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण की कथा करवाने से उसका विशेष लाभ मिलता हैं.

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सत्यनारायण कौन थे

सत्यनारायण भगवान विष्णु के ही सत्य स्वरूप माने जाते हैं. सत्यनारायण भगवान विष्णु के ही अवतार माने जाते हैं.

सत्यनारायण भगवान कौन जाति के थे

सत्यनारायण भगवान स्वयं परमपिता परमेश्वर हैं. उनकी कोई भी जाति नहीं हैं. सत्यनारायण भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं.

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सत्यनारायण कथा हवन मंत्र

सत्यनारायण कथा के सभी हवन मंत्र हमने नीचे बताए हैं.

पवित्रकरण मंत्र

ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा ।
यः स्मरेत्‌ पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यंतरः शुचिः ॥
पुनः पुण्डरीकाक्षं, पुनः पुण्डरीकाक्षं, पुनः पुण्डरीकाक्षं ।

पृथ्वी पूजन मंत्र

ॐ पृथ्वी त्वया घता लोका देवि त्वं विष्णुना धृता ।
त्वं च धारय मां देवि पवित्रं कुरु च आसनम्‌ ॥

सत्यनारायण पूजा प्रारंभ मंत्र

ॐ सत्यव्रतं सत्यपरं त्रिसत्यं सत्यस्य योनिं निहितंच सत्ये ।
सत्यस्य सत्यामृत सत्यनेत्रं सत्यात्मकं त्वां शरणं प्रपन्नाः ॥
ध्यायेत्सत्यं गुणातीतं गुणत्रय समन्वितम्‌ ।
लोकनाथं त्रिलोकेशं कौस्तुभरणं हरिम्‌ ॥

ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, ध्यानार्थे पुष्पाणि समर्पयामि

आह्वान मंत्र

आगच्छ भगवन्‌ ! देव! स्थाने चात्र स्थिरो भव ।
यावत्‌ पूजां करिष्येऽहं तावत्‌ त्वं संनिधौ भव ॥
ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, श्री सत्यनारायणाय आवाहयामि, आवाहनार्थे पुष्पाणि समर्पयामि

आसन मंत्र

अनेक रत्नसंयुक्तं नानामणिगणान्वितम्‌ ।
भवितं हेममयं दिव्यम्‌ आसनं प्रति गृह्याताम ॥
ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, आसनं समर्पयामि ।

पाघ मंत्र

नारायण नमस्तेऽतुनरकार्णवतारक ।
पाद्यं गृहाण देवेश मम सौख्यं विवर्धय ॥
ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, पादयोः पाद्यं समर्पयामि ।

अधर्य मंत्र

गन्धपुष्पाक्षतैर्युक्तमर्घ्यं सम्पादितं मया ।
गृहाण भगवन्‌ नारायण प्रसन्नो वरदो भव ॥
ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, हस्तयोरर्घ्यं समर्पयामि ।

आचमन मंत्र

कर्पूरेण सुगन्धेन वासितं स्वादु शीतलम्‌ ।
तोयमाचमनीयार्थं गृहाण परमेश्वर ॥
ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, आचमनीयं जलं समर्पयामि ।

स्नान मंत्र

मन्दाकिन्याः समानीतैः कर्पूरागुरू वासितैः ।
स्नानं कुर्वन्तु देवेशा सलिलैश्च सुगन्धिभिः ॥
ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, स्नानीयं जलं समर्पयामि ।

पंचामृत स्नान मंत्र

पयो दधि घृतं चैव मधुशर्करयान्वितम्‌ ।
पंचामृतं मयाऽऽनीतं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम्‌ ॥
ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, पंचामृतस्नानं समर्पयामि

शुद्धोदक स्नान मंत्र

मन्दाकिन्यास्तु यद्वारि सर्वपापहरं शुभम्‌ ।
तदिदं कल्पितं तुभ्यं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम्‌ ॥
ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, शुद्धोदकस्नानं समर्पयामि ।

वस्त्र मंत्र

शीतवातोष्णसंत्राणं लज्जाया रक्षणं परम्‌ ।
देहालंकरणं वस्त्रं धृत्वा शांतिं प्रयच्छ मे ॥
ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, वस्त्रं समर्पयामि ।

यज्ञोपवित मंत्र

नवभिस्तन्तुभिर्युक्तं त्रिगुणं देवतामयम्‌ ।
उपवीतं मया दत्तं गृहाण परमेश्वर ॥
ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, यज्ञोपवीतं समर्पयामि

अक्षत मंत्र

अक्षताश्च सुरश्रेष्ठ कुंकुमाक्ताः सुशोभिताः ।
मया निवेदिता भक्त्या गृहाण परमेश्वर ॥
ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, अक्षतान्‌ समर्पयामि

पुष्पमाला मंत्र

माल्यादीनि सुगन्धीनि मालत्यादीनि वै प्रभो ।
मयाऽऽह्तानि पुष्पाणि गृहाण परमेश्वर ॥
ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, पुष्पं पुष्पमालां च समर्पयामि ।

दूर्वा मंत्र

दूर्वांकुरान्‌ सुहरितानमृतान्‌ मंगलप्रदान्‌ ।
आनीतांस्तव पूजार्थं गृहाण परमेश्वर ॥
ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, दूर्वांकुरान्‌ समर्पयामि

धुप दीप मंत्र

वनस्पतिरसोद्भूतो गन्धाढ्यः गन्ध उत्तमः ।
आघ्रेयः सर्वदेवानां धूपोऽयं प्रतिगृह्यताम्‌ ॥
साज्यं च वर्तिसंयुक्तं वह्निना योजितं मया ।
दीपं गृहाण देवेश ! त्रैलोक्यतिमिरापहम्‌ ॥
ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, धूपं, दीपं दर्शयामि

नैवेघ मंत्र

शर्कराखण्डखाद्यानि दधिक्षीरघृतानि च ।
आहारं भक्ष्यभोज्यं च नैवेद्यं प्रतिगृह्यताम्‌ ॥
ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, नैवेद्यं निवेदयामि

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है की सत्यनारायण व्रत में क्या खाना चाहिए. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं. हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह सत्यनारायण व्रत में क्या खाना चाहिए / सत्यनारायण कथा का महत्व आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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