स्त्री की कुंडली में मंगल का प्रभाव जाने (पुरे बाहरा भावो में)

स्त्री की कुंडली में मंगल का प्रभाव जाने (पुरे बाहरा भावो में) – मंगल बहुत ही उर्जावान और आक्रमक ग्रह माना जाता हैं. अगर किसी का विवाह का अवसर है. तो सबसे पहले जातक की कुंडली में मंगल की स्थिति जान ना बहुत ही जरूरी हैं. क्योंकि अगर जातक की कुंडली में अगर किसी भाव में मंगल ग्रह मौजूद है. तो उसे मंगली कहा जाता हैं.

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से स्त्री की कुंडली में मंगल का प्रभाव कैसा रहता है. इस बारे में बताने वाले हैं. कुंडली में 12 भाव होते है. इन 12 भाव में मंगल क्या प्रभाव रहेगा. सभी भाव के बारे में विस्तारपूर्वक जानते हैं.

stri-ki-kundali-me-mangal-ka-prabhav (2)

Table of Contents

स्त्री की कुंडली में मंगल का प्रभाव जाने (पुरे बाहरा भावो में)

स्त्री की कुंडली में 12 भाव में मंगल का कैसा प्रभाव रहता है. इसकी जानकरी हमने नीचे विस्तारपूर्वक दी हैं.

स्त्री की कुंडली में प्रथम भाव में मंगल का प्रभाव

  • स्त्री की कुंडली में प्रथम भाव में मंगल का होना स्त्री को आत्म निर्भर बनाता हैं. ऐसी स्त्री की रूचि घर के कामों में कम और बाहर के कामों में अधिक होती हैं. उनकी रूचि उस काम में भी हो सकती है. जो काम पुरुष से जुड़ा हुआ होता हैं.
  • अगर स्त्री के प्रथम भाव में मंगल है. तो स्त्री मांगलिक कहलाती हैं. ऐसी स्त्री का वैवाहिक जीवन परेशानी से भरा होता हैं.

शादी के बाद मांगलिक दोष उपचार |  मांगलिक लड़के की शादी के उपाय

स्त्री की कुंडली में द्रितीय भाव में मंगल का प्रभाव

  • अगर किसी स्त्री की द्रितीय भाव में मंगल का प्रभाव होता है. वह स्त्री पैसे कमाने में कोई कसर नही छोडती हैं. ऐसी स्त्री घर में सबसे अधिक पैसा कमाने वाली होती हैं.
  • ऐसी स्त्री व्यवसाय में निवेश करने में रूचि रखती हैं. इनका स्वभाव भी खर्चीला होता हैं.

स्त्री की कुंडली में तृतीय भाव में मंगल का प्रभाव

  • जिन स्त्री की कुंडली में तीसरे भाव में मंगल होता है. वह स्त्री संचार की प्रेमी होती हैं. ऐसी स्त्री नए लोगो से बातचीत करना पसंद करती हैं.
  • ऐसी स्त्री बलवान होती हैं. किसी भी परिस्थिति में डटकर सामना करती हैं. तथा मेहनत करने में भी पीछे नही हटती.

कुंडली में सप्तम भाव खाली हो तो क्या संकेत देता है | कुंडली में भाव कैसे देखे

स्त्री की कुंडली में चौथे भाव में मंगल का प्रभाव

  • स्त्री के चौथे भाव में मंगल स्त्री के घर की सुख शांति दर्शाता हैं. चौथे भाव का मंगल आराम, समृद्धि और विलासिता प्रदान करता हैं.
  • लेकिन चौथे भाव में मंगल स्त्री के वैवाहिक जीवन में नकारात्मक परिणाम दे सकता हैं.

स्त्री की कुंडली में पांचवें भाव में मंगल का प्रभाव

  • ऐसी स्त्री को राजनीतिक मुद्दों पर बाते करना बहुत पसंद होता हैं.
  • पंचम भाव में मंगल ऐसी स्त्री को प्रथम संतान होने में बाधा होती हैं. तथा गर्भपात कराना पड़ता हैं.

stri-ki-kundali-me-mangal-ka-prabhav (1)

स्त्री की कुंडली में छठे भाव में मंगल का प्रभाव

  • कुंडली के छठे भाव में मंगल होने पर स्त्री को बचपन में नियमितरुप से बुखार की समस्या रह सकती हैं.
  • ज्योतिष के अनुसार कुंडली के छठे भाव को नकारात्मक माना जाता हैं. ऐसे में अगर छठे भाव में मंगल जैसा उग्र और पापी ग्रह मौजूद है. तो वह स्त्री के लिए शुभ परिणाम दे सकता हैं. ऐसी स्त्री अपने शत्रु को आसानी से परास्त करने सक्षम होती हैं.

लग्न अनुसार जीवनसाथी कैसे चुने – पूरी 12 राशियों की जानकारी

स्त्री की कुंडली में सातवें भाव में मंगल का प्रभाव

  • स्त्री के सातवें भाव में मंगल स्त्री को यौन का आदि बना सकता हैं. अगर किसी शुभ ग्रह की दृष्टि मंगल पर नही है. तो ऐसी स्त्री अपने पति या जीवनसाथी को धोखा भी दे सकती हैं.
  • सातवें भाव में मंगल का होना स्त्री को मांगलिक बना देता हैं. इस कारण दंपति का वैवाहिक जीवन सुखद नही होता हैं.
  • कई बार ऐसी परिस्थिति भी आ जाती है की विवाह टूटने की संभावना भी रहती हैं.

स्त्री की कुंडली में आठवें भाव में मंगल का प्रभाव

  • कुंडली के आठवें भाव में मंगल का होना दीर्घायु बनाता हैं. ऐसी स्त्री खोज करने में माहिर होती है. चाहे वह कोई बात हो या फिर वैज्ञानिक तथ्य.
  • ऐसी स्त्री को अपने साथ धोखा होने का डर रहता है. इसलिए वह जल्दी किसी पर भी विश्वास नही करती हैं.

वास्तु के अनुसार शौचालय का गड्ढा, बोरिंग, पानी की टंकी कहा बनानी चाहिए

स्त्री की कुंडली में नवम भाव में मंगल का प्रभाव

  • कुंडली के नवम भाग में मंगल का प्रवेश होते हैं. स्त्री को धार्मिक मान्यताओं पर विश्वास करने वाला बना देती हैं. कई बार इनका प्रेम धर्म के प्रति इतना बढ़ जाता है की धर्म के नाम पर कुछ भी करने के लिए तैयार हो जाती हैं.
  • ऐसी स्त्री खर्चीली स्वभाव की भी होती हैं.

स्त्री की कुंडली में दशम भाव में मंगल का प्रभाव

  • स्त्री की कुंडली में दशम भाव में मंगल स्त्री को धनवान बनाता हैं.
  • स्त्री के दशम भाव में मंगल होने पर स्त्री को संतान सुख में कमी होती हैं. ऐसी स्त्री को हमेशा अपने संतान की चिंता बनी रहती हैं.

मूल शांति पूजन सामग्री लिस्ट इन हिंदी | मूल नक्षत्र कौन कौन से हैं | मूल नक्षत्र कैसे जाने

स्त्री की कुंडली में ग्यारह वें भाव में मंगल का प्रभाव

  • स्त्री की कुंडली में ग्यारह वें भाव में अगर मंगल होता है तो उसे बहुत ही लाभदायक माना जाता हैं. ऐसी स्त्री के जीवन में धन के काफी स्त्रोत होते है. उन्हें धन की कभी भी कमी महसूस नही होती हैं. तथा पारिवारिक सुख-समृद्धि भी बनी रहती हैं.
  • ऐसी स्त्री अपने जीवन में सफलता प्राप्त करती हैं. तथा बहुत ही प्रभावशाली होती हैं.

stri-ki-kundali-me-mangal-ka-prabhav (3)

स्त्री की कुंडली में बारहवें भाव में मंगल का प्रभाव

  • स्त्री के बारह वें भाव में मंगल है तो वह स्त्री को मांगलिक बना देता हैं. इनका वैवाहिक जीवन दुखो से भरा हुआ होता हैं. अगर मंगल पर किसी अच्छे ग्रह की दृष्टि होती है तो वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्या थोड़ी कम होती हैं.
  • ऐसी स्त्री के साथ धोखाधडी और नुकसान होने की संभावना भी रहती हैं.

नाम से जन्म कुंडली बनाना | जन्म कुंडली के लाभ, रहस्य, ग्रहों के घर

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से स्त्री की कुंडली में मंगल का प्रभाव कैसा रहता हैं. वह सभी बारह भाव आपको बताए हैं. आपको यह आर्टिकल उपयोगी साबित हुआ होगा यह हम आशा करते हैं.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह आर्टिकल स्त्री की कुंडली में मंगल का प्रभाव जाने (पुरे बाहरा भावो में) अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

क्या श्री कृष्ण अहीर थे | अहीर की परिभाषा | अहीर किस जाति में आते हैं

Shree ram raksha stotra in hindi mein lyrics PDF Download free

मोर पंख से लड़का होने के उपाय क्या है जाने औषधि तैयार करनी की पूरी विधि

3 thoughts on “स्त्री की कुंडली में मंगल का प्रभाव जाने (पुरे बाहरा भावो में)”

Leave a Comment