स्वास्तिक किस दिन बनाना चाहिए – स्वास्तिक का महत्व

स्वास्तिक किस दिन बनाना चाहिए – स्वास्तिक का महत्व – हिंदू सनातन धर्म में हर मांगलिक कार्य शुरू करने से पहले स्वास्तिक बनाया जाता हैं. स्वास्तिक बनाना हिंदू धर्म में शुभ माना जाता हैं. स्वास्तिक का अर्थ “शुभ हो” और “कल्याण हो” होता हैं. इसलिए हर मंगल कार्य करने से पहले स्वास्तिक बनाया जाता हैं.

काफी लोग अपने घर के मुख्य द्वार के पास स्वास्तिक बनाते हैं. यह अतिउत्तम माना जाता हैं. स्वास्तिक को सातिया के नाम से भी जाना जाता हैं. वास्तु शास्त्र के अनुसार पर भी घर में स्वास्तिक बनाना शुभ माना जाता हैं. इससे काफी हद तक घर का वास्तु दोष खत्म हो जाता हैं.

Swastik-kis-din-bnana-chahie-mahatv (2)

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की स्वास्तिक किस दिन बनाना चाहिए. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

स्वास्तिक किस दिन बनाना चाहिए

हिंदू सनातन धर्म में स्वास्तिक को शुभ माना जाता हैं. इसलिए आप स्वास्तिक को किसी भी दिन बना सकते हैं. इसके लिए आपको किसी भी दिन का चयन करने की जरूरत नहीं हैं. आप चाहे उस दिन रोजाना स्वास्तिक बना सकते हैं.

इसके अलावा कोई भी मांगलिक कार्य करने से पहले स्वास्तिक अवश्य बनाना चाहिए. इससे हमारा होने वाला मांगलिक कार्य बीना किसी बाधा के आसानी से पूर्ण हो जाता हैं.

खाटू श्याम बाबा को प्रसन्न करने के उपाय – 5 सबसे चमत्कारी उपाय जाने

स्वास्तिक किस चीज से बनाएं

वैसे तो आमतौर पर स्वास्तिक रोली से बनाया जाता हैं. लेकिन अगर आपके घर में वास्तु दोष हैं. तो वास्तु दोष निवारण के लिए पंचधातु का स्वास्तिक बनाना शुभ माना जाता हैं. इससे घर का वास्तु दोष खत्म होता हैं.

अगर आप घर में कोई भी शुभ काम करने जा रहे हैं. तो शुभ काम शुरू करने से पहले पीले रंग से स्वास्तिक बनाना चाहिए. इसके अलावा व्यापार में तरक्की करने के लिए सुखी हल्दी से स्वास्तिक बनाना शुभ माना जाता हैं.

Swastik-kis-din-bnana-chahie-mahatv (1)

किस लोटे से जल चढ़ाना चाहिए / तांबे के लोटे से पूजा करना चाहिए या नहीं

स्वास्तिक का महत्व

स्वास्तिक से होने वाले कुछ मुख्य लाभ और महत्व के बारे में हमने नीचे जानकारी प्रदान की हैं.

  • हिंदू धर्म में स्वास्तिक का बहुत ही महत्व हैं. लेकिन बौद्ध और जैन धर्म में भी स्वास्तिक को शुभ माना जाता हैं. ऐसा माना जाता है की घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाने से घर में नेगेटिव ऊर्जा प्रवेश होने से रुक जाती हैं. इसके अलावा घर के वास्तु दोष का निवारण करने के लिए भी घर में मुख्य द्वार के पास स्वास्तिक बनाना चाहिए. इससे वास्तु दोष खत्म हो जाता हैं.
  • व्यापार में वृद्धि के लिए भी स्वास्तिक का काफी महत्व हैं. अगर किसी के व्यापार में नुकसान आ रहा हैं. तो व्यापार वाली जगह पर ईशान कोण में स्वास्तिक बनाना शुभ माना जाता हैं. ऐसा माना जाता है की इससे आपके व्यापार में वृद्धि होती हैं.
  • कई बार हम देखते है की नकारात्मक ऊर्जा हमारे लिए बहुत ही नुकसानदायी मानी जाती हैं. इससे हमारे घर परिवार पर बुरा असर पड़ता हैं. अगर आप घर में आने वाली नकारात्मक ऊर्जा से बचना चाहते हैं. तो घर के मुख्य द्वार पर कोयले से स्वास्तिक बनाना शुभ माना जाता हैं. इससे घर में कभी भी बुरी शक्ति और नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं होती हैं.
  • स्वास्तिक को कल्याणकारी चिन्ह माना जाता हैं. इसलिए किसी भी मांगलिक कार्य को शुरू करने से पहले स्वास्तिक बनाने का महत्व हैं.
  • हमारे घर और परिवार को बुरी नजर से बचाने के लिए भी स्वास्तिक काफी महत्वपूर्ण माना जाता हैं. घर के मुख्य द्वार के पास स्वास्तिक बनाने से हमारे घर परिवार को नजर नही लगती हैं.
  • घर के मुख्य द्वार के पास स्वास्तिक बनाने से हमारे घर की चारो दिशा शुद्ध हो जाती हैं.

Swastik-kis-din-bnana-chahie-mahatv (3)

रुद्राक्ष किसे पहनना चाहिए – रुद्राक्ष कब नहीं पहनना चाहिए 

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है की स्वास्तिक किस दिन बनाना चाहिए. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं.

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह स्वास्तिक किस दिन बनाना चाहिए – स्वास्तिक का महत्व आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

रुद्राक्ष पहनने के बाद के नियम / रुद्राक्ष पहनने के बाद क्या नहीं करना चाहिए 

करियर के अनुसार कौन-सा रुद्राक्ष पहनने से होगा लाभ – सम्पूर्ण जानकारी

गोमती चक्र के नुकसान – गोमती चक्र को सिद्ध कैसे करे

1 thought on “स्वास्तिक किस दिन बनाना चाहिए – स्वास्तिक का महत्व”

Leave a Comment