त्रयोदशी व्रत विधि इन हिंदी / त्रयोदशी व्रत के नियम

त्रयोदशी व्रत विधि इन हिंदी / त्रयोदशी व्रत के नियम – त्रयोदशी व्रत जिसे प्रदोष व्रत के नाम से भी जाना जाता हैं. ऐसा माना जाता है की त्रयोदशी व्रत त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता हैं. इसलिए इसे त्रयोदशी व्रत के नाम से भी जाना जाता हैं. हमारे पुराने शास्त्रों में त्रयोदशी व्रत के बारे में काफी कुछ बताया गया हैं. और यह व्रत हमारे लिए अत्यंत लाभदायी माना जाता हैं.

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इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की प्रदोष काल के समय पूजा की जाती हैं. और उनके नाम से व्रत किया जाता हैं. ऐसा माना जाता है की त्रयोदशी व्रत करने से मनुष्य के सभी संकटों का नाश होता हैं.

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से त्रयोदशी व्रत विधि इन हिंदी में बताने वाले हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

त्रयोदशी व्रत विधि इन हिंदी / त्रयोदशी व्रत के नियम

त्रयोदशी व्रत की संपूर्ण विधि हमने नीचे बताई हैं.

  • त्रयोदशी व्रत के दिन सबसे पहले आपको सुबह जल्दी उठकर नाह धोकर स्वच्छ हो जाना हैं.
  • इसके पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण कर लेने हैं.
  • इतना हो जाने के बाद अपने घर के मंदिर में दीपक जलाए.
  • और भगवान शिव तथा माता पार्वती की श्रद्धा पूर्वक पूजा अर्चना करे.
  • इसके बाद भगवान शिव को गंगाजल से अभिषेक करे. और उन्हें पुष्प आदि अर्पित करे.
  • इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के साथ भगवान गणेश की भी पूजा करे. क्योंकि कोई भी शुभ कार्य करने से पहले भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले पूजा की जाती हैं.
  • इसके बाद अपने हाथ से बनाया हुआ शुद्ध और सात्विक भोग भगवान शिव को लगाए.
  • अब त्रयोदशी व्रत के लिए संकल्प ले. इस दिन आपको कुछ भी नहीं खाना हैं. सिर्फ फलाहार का सेवन कर सकते हैं.
  • त्रयोदशी व्रत का संकल्प लेने के बाद भगवान शिव की आरती करे.
  • अब आप पुरे दिन व्रत रखे. हो सके तो इस दिन आप भगवान शिव की अधिक से अधिक आराधना करे.

तो इस प्रकार से आप आसानी से त्रयोदशी व्रत कर सकते हैं. ऐसा माना जाता है की इस व्रत को करने से भगवान शिव के आशीर्वाद की प्राप्ति होती हैं. और इस वजह से हमारे सारे संकट दूर होते हैं. तथा सुख-समृद्धि मिलती हैं.

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त्रयोदशी व्रत क्यों किया जाता है

भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए त्रयोदशी व्रत किया जाता हैं. ऐसा माना जाता है की त्रयोदशी व्रत करने से मनुष्य के सभी कष्ट का निवारण होता हैं.

हमारे प्राचीन पुराणों के अनुसार त्रयोदशी व्रत करने से मनुष्य को मरने के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती हैं. इसके अलावा मनुष्य की उम्र लंबी और स्वास्थ्य अच्छा बना रहता हैं.

ऐसा माना जाता है की जो दंपति संतान चाहते हैं. लेकिन अभी भी संतान से वंचित हैं. उन दंपति को शनिवार के दिन आने वाला त्रयोदशी व्रत करना चाहिए. इससे दंपति को संतान सुख मिलता हैं.

अगर किसी व्यक्ति के काफी अधिक दुश्मन हैं. तो गुरुवार के दिन आने वाला त्रयोदशी व्रत करना चाहिए. इससे दुश्मनों से मुक्ति मिलती हैं. और सुख की प्राप्ति होती हैं.

तो ऐसे कुछ लाभ और सुखमय जीवन  पाने के लिए त्रयोदशी व्रत किया जाता हैं.

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त्रयोदशी व्रत में क्या खाना चाहिए            

त्रयोदशी व्रत में पूर्ण उपवास रखने का नियम होता हैं. इसलिए आपको इस दिन भोजन ग्रहण नहीं करना हैं. तथा कुछ भी नहीं खाना हैं. अगर आप चाहे तो फलाहार कर सकते हैं. जिसमें आप फल या फल के जूस का सेवन कर सकते हैं. इससे अधिक कुछ भी नहीं खाना चाहिए.

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से त्रयोदशी व्रत विधि इन हिंदी में बताया है. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं.

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह त्रयोदशी व्रत विधि इन हिंदी / त्रयोदशी व्रत के नियम आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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