वास्तु के अनुसार सीढ़ी की संख्या / पश्चिम मुखी और उत्तरमुखी घर में सीढ़ी का स्थान

वास्तु के अनुसार सीढ़ी की संख्या / पश्चिम मुखी और उत्तरमुखी घर में सीढ़ी का स्थान – आज के समय में वास्तु शास्त्र के अनुसार घर बनाने का चलन चल रहा है. काफी लोग होते है. जो अपने घर का निर्माण वास्तु शास्त्र के अनुसार करवाते हैं. ऐसा माना जाता है की वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का निर्माण करने से हमारे पर आने वाली विपत्ति से बचा जा सकता हैं. इसलिए वास्तु के अनुसार बनाया गया घर शुभ फलदायी साबित होता हैं.

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वास्तु के अनुसार घर की सभी वस्तु की दिशा निश्चित होती हैं. इसी प्रकार घर की सीढ़ी की संख्या और सीढ़ी की दिशा भी पहले से निश्चित की जाती हैं. वास्तु के अनुसार सीढ़ी की संख्या और दिशा क्या होनी चाहिए. इस बारे में आप जानना चाहते है. तो हमारा यह आर्टिकल पूरा पढ़े.

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की वास्तु के अनुसार सीढ़ी की संख्या कितनी होनी चाहिए. तथा वास्तु के अनुसार सीढ़ी की दिशा के बारे में भी बताने वाले हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से संबंधित अन्य जानकारी भी प्रदान करेगे.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

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वास्तु के अनुसार सीढ़ी की संख्या कितनी होनी चाहिए

वास्तु के अनुसार घर में सीढ़ियां हमेशा विषम संख्या में बनानी चाहिए. जैसे की 7, 11, 15, 21 या फिर 25 इस संख्या में सीढ़ी का निर्माण करवाना चाहिए.

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इससे आपके घर में हमेशा के लिए खुशियां बनी रहती हैं. तथा घर के मुखिया के काम में वृद्धि होती हैं. घर के मालिक हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं. लेकिन वास्तु के अनुसार घर में 17 सीढ़ियां सबसे अधिक शुभ मानी जाती हैं.

वास्तु के अनुसार सीढ़ी की दिशा

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में सीढ़ी का निर्माण हमेशा दक्षिण या पश्चिम दिशा में करवाना चाहिए. दक्षिण-पश्चिम दिशा में बनी सीढ़ियां सबसे उत्तम और शुभ मानी जाती हैं.

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वास्तु के अनुसार इस दिशा में सीढ़ी का निर्माण करवाने से घर में हमेशा के लिए सुख शांति बनी रहती हैं. और घर के लोगो की प्रगति होती हैं. इसके अलावा उत्तर-पश्चिम दिशा में भी सीढ़ियों को निर्माण शुभ माना जाता हैं.

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पश्चिम मुखी घर में सीढ़ी का स्थान

पश्चिम मुखी घर में सीढ़ी का निर्माण पूर्व से पश्चिम की तरफ या फिर उत्तर से दक्षिण की तरफ करवाना चाहिए. और जो लोग पूर्व दिशा में सीढ़ी का निर्माण करवा रहे है. उन्हें यह ध्यान रखना है. की सीढ़ी पूर्व दिशा की दीवार से लगी नहीं होनी चाहिए.

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उत्तरमुखी मकान में सीढ़ी का स्थान

अगर आपका मकान उत्तरमुखी है. तो सीढ़ी का निर्माण साउथ वेस्ट या नोर्थ वेस्ट तथा साउथ ईस्ट दिशा में सीढ़ी का निर्माण करवाना उत्तम माना जाता हैं. उत्तरमुखी मकान में सीढ़ी कभी भी उत्तर दिशा में नहीं बनवानी चाहिए. इससे काफी सारी समस्याएं पैदा हो सकती हैं. उत्तरमुखी मकान में सीढ़ी का निर्माण घड़ी के घुमने वाली दिशा में बनानी चाहिए.

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सीढ़ी के लिए वास्तु दोष उपचार

सीढ़ी के लिए कुछ वास्तुदोष उपचार निम्नलिखित है:

  • सीढ़ी के नीचे जूते-चप्पल रखने का बोक्स नहीं बनाना चाहिए.
  • सीढ़ी के नीचे घर का वेस्ट सामान नहीं रखना चाहिए.
  • सीढ़ी के आरंभ और अंत में गेट लगवाना चाहिए.
  • सीढ़ी के नीचे मंदिर या शौचालय का निर्माण नहीं करवाना चाहिए.
  • सीढ़ी हमेशा विषम संख्या में ही बनानी चाहिए.
  • सीढ़ी का निर्माण हमेशा सीधा ही करवाए. घुमावदार सीढ़ी का निर्माण नहीं करवाना चाहिए.
  • बिजली और अग्नि से संबंधित वस्तु सीढ़ी के नीचे नहीं रखनी चाहिए.
  • सीढ़ी के नीचे किचन तथा स्टोररूम का निर्माण भी नहीं करवाना चाहिए.
  • घर की सीढ़ी अगर टूटी-फूटी है. तो ठीक करवा दे. घर में टूटी-फूटी सीढ़ी वास्तुदोष पैदा करती हैं.
  • घर की सीढ़ी के नीचे का स्थान हो सके तो खुला ही रखे. इससे घर के बच्चो में उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिलती हैं.

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया की वास्तु के अनुसार सीढ़ी की संख्या कितनी होनी चाहिए. तथा सीढ़ी की सही दिशा और सीढ़ी के लिए वास्तु दोष उपचार भी बताए हैं. हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आप के लिए उपयोगी साबित हुआ होगा.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह वास्तु के अनुसार सीढ़ी की संख्या कितनी होनी चाहिए / पश्चिम मुखी और उत्तरमुखी घर में सीढ़ी का स्थान आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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