भगवत गीता के अनुसार पाप कर्मों से मुक्ति का तरीका क्या है – हिन्दू राष्ट्र हमारा

भगवत गीता के अनुसार पाप कर्मों से मुक्ति का तरीका क्या है – हिन्दू राष्ट्र हमारा – भगवत गीता हिन्दू सनातन धर्म का सबसे बड़ा ग्रंथ माना जाता हैं. इसलिये सनातन धर्म में भगवत गीता का पाठ करने की सलाह दी जाती हैं. ऐसा माना जाता है की भगवत गीता में लिखा गया ज्ञान अगर कोई इंसान अच्छे तरीके से ले लेता हैं. और उसका पालन अपने जीवन में करता हैं. तो इससे इंसान को एक अच्छी राह मिलती हैं.

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इंसान सही दिशा में आगे बढ़ने लगते हैं. जो इंसान भगवत गीता का ज्ञान अपने जीवन में उतारता हैं. उसे सभी सुख की प्राप्ति होती हैं. और जीवन जीने में आसानी होती हैं.

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से भगवत गीता के अनुसार पाप कर्मों से मुक्ति का तरीका बताने वाले हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

भगवत गीता के अनुसार पाप कर्मों से मुक्ति का तरीका

जो लोग पाप करते हैं. ऐसे लोगो के पाप नाश हो जाए. और ऐसे लोगो को पुण्य की प्राप्ति हो इसके लिए भगवत गीता में काफी कुछ बताया गया हैं. आज के समय में भी पाप कर्मो से मुक्ति पा सकते हैं. जिसके लिए आपको नीचे बताई गई बातो को ध्यान में रखना होगा.

भगवान की भक्ति करे

आज के समय में हमारे से गलती से या फिर जान बुझकर पाप हो जाता हैं. ऐसे पाप से मुक्ति पाने के लिए आप भगवान की भक्ति कर सकते हैं. ऐसा माना जाता है की भगवान की भक्ति करने से मनुष्य के पापो का नाश होता हैं.

अगर आप से पाप कार्य होता हैं. तो पाप से मुक्ति पाने के लिए सबसे पहले तो आपको प्रण लेने होगे की अब आगे से ऐसा कोई भी पाप आपसे नही होगा.

इसके बाद आपको भगवान की शरण में जाना है. और आपसे हुए पाप के बारे में उनसे माफ़ी मांगनी हैं. और उनकी सच्चे मन से भक्ति करनी हैं. इससे काफी हद तक आपके पाप का नाश होता हैं. पाप से मुक्ति पाने का सबसे बड़ा उपाय हरी शरण माना जाता हैं.

इश्वर का ध्यान करे

अगर आप कोई भी पाप करते हैं. तो मान लीजिए की आप इश्वर की इच्छा विरुद्ध कार्य कर रहे हैं. इसलिए कभी भी पाप कार्य ना करे. आप कोई भी पाप करते हैं. तो इश्वर आपको जरुर दंडित करते हैं. इसलिए पाप करने से बचे.

लेकिन अगर आपसे गलती से कोई पाप कार्य हो जाता हैं. तो आपको इश्वर की शरण में जाना चाहिए. उनसे माफ़ी मांगनी चाहिए. तथा रोजाना इश्वर का ध्यान करना चाहिए. इससे मनुष्य के पाप काफी हद तक कम हो जाते हैं.

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आध्यात्मिक गुरु की शरण में जाए

अगर आप से कोई पाप कार्य हुआ हैं. तो आपको आपके गुरु के शरण में तुरंत ही जाना चाहिए. और उनसे पाप कर्मो की मुक्ति का ज्ञान लेना चाहिए.

आपको आपके गुरु की शरण में जाकर उनकी सेवा करनी चाहिए. उनके आशीर्वाद लेना चाहिए. और अपने गुरु से इश्वर भक्ति का ज्ञान लेना चाहिए. ऐसा करने से आपके पाप काफी हद तक कम हो जाते हैं.

भगवान श्री कृष्ण के वचन का पालन करे

भगवत गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है की भले मनुष्य ने अपने जीवन कितने भी पाप किये हो लेकिन मनुष्य अगर भगवान की शरण में जाता हैं. और भगवान की दिव्य नाव में सवार होता हैं. प्रभु भक्ति करता हैं. तो मनुष्य को पापो से मुक्ति मिलती हैं.

पाप से मुक्ति के लिए मंत्र

अगर हम पाप करते हैं. तो हमारे पुराने शास्त्रों में पापो से मुक्ति पाने के मंत्र बताए गए हैं. जिसके जाप से मनुष्य को पाप से मुक्ति मिलती हैं. पाप से मुक्ति पाने के लिए आप नीचे बताया गया मंत्र का जाप कर सकते हैं.

मंत्र– शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं। विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम् ।। लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम् । वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्

पाप से मुक्ति पाने का यह बहुत ही अचूक और कारगर मंत्र माना जाता हैं. इस मंत्र का निरंतर रोजाना जाप करने से मनुष्य को पाप से मुक्ति मिलती हैं. इस मंत्र का जाप आप अपनी इच्छा अनुसार कितनी भी बार कर सकते हैं.

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पर स्त्री गमन का प्रायश्चित कैसे करे

अगर आपसे गलती से पर स्त्री गमन हो गया हैं. तो यह बहुत ही बड़ा पाप माना जाता हैं. इस पाप के लिए भगवान स्त्री और पुरुष दोनों को दंडित करते हैं. अगर आप पर स्त्री गमन का प्रायश्चित करना चाहते हैं. तो आप नीचे बताए गए कुछ उपाय कर सकते हैं. यह उपाय आचार्य शुकदेव जी द्वारा बताया गए हैं.

  • रोजाना गाय को रोटी खिलाना चाहिए.
  • चींटियो को रोजाना आटा खिलाना चाहिए.
  • किसी गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति की मदद करना चाहिए.
  • कभी भी कोई भी पाप नही करने के प्रण लेने चाहिए.
  • भगवान की भक्ति करे और उनसे इस पाप की माफ़ी के लिए प्रार्थना करे.
  • मछलियों को दाना डाले.
  • अपने माता पिता तथा पूज्य गुरु की सच्चे मन से सेवा करे. उनके साथ प्रेम भाव से रहे.
  • ईश्वर की शरण में जाए. प्रभु भक्ति करे. तथा अपने पूज्य गुरुदेव से इश्वर भक्ति के बारे में ज्ञान प्राप्त करे.

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से भगवत गीता के अनुसार पाप कर्मों से मुक्ति का तरीका बताया है. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं.

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह भगवत गीता के अनुसार पाप कर्मों से मुक्ति का तरीका क्या है – हिन्दू राष्ट्र हमारा आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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