7 चक्र बीज मंत्र, नाम / 7 चक्र के देवता / 7 चक्र कैसे जागृत करें – हमारे शरीर में नीचे से लेकर ऊपर तक कुल सात चक्र होते हैं. ऐसा माना जाता है की हम इन सात चक्रो को जीतना विकसित करते है अर्थात जाग्रत करते है. उतना हमारा शरीर भी जाग्रत और विकसित होता हैं. अगर हम हमारे किसी भी चक्र को थोडा सा भी जाग्रत कर लेते हैं. तो हमारा शरीर भी उसी प्रकार ऊर्जा ग्रहण करता हैं. और ऊर्जावान बनता हैं. यह किसी भी असाधारण व्यक्ति को भी बड़ी से बड़ी सफलता दिला सकता हैं.
लेकिन क्या आप जानते हैं. इन सात चक्र के बीज मंत्र भी होते हैं. अगर नहीं जानते हैं. तो हमारा सात चक्र के बीज मंत्र जानने के लिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.
दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से 7 चक्र बीज मंत्र तथा 7 चक्र के नाम बताने वाले हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं.
तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.
7 चक्र बीज मंत्र / 7 चक्र के नाम
हमने 7 चक्र बीज मंत्र तथा 7 चक्र के नाम नीचे बताए हैं.
मूलाधार चक्र – बीज मन्त्र: लं
स्वाधिष्ठान चक्र – बीज मंत्र: वं
मणिपुर चक्र – बीज मंत्र: रं
अनाहद चक्र – बीज मंत्र: यं
विशुद्धाख्य चक्र – बीज मंत्र: हं
आज्ञाचक्र चक्र – बीज मंत्र: शं
सहस्रार चक्र – बीज मंत्र: ओम
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सात चक्र के रंग
सात चक्र के रंग हमने नीचे बताए हैं.
मूलाधार चक्र – रंग: लाल
स्वाधिष्ठान चक्र – रंग: नारंगी
मणिपुर चक्र – रंग: पीला
अनाहद चक्र – रंग: हरा
विशुद्धाख्य चक्र – रंग: आसमानी
आज्ञाचक्र चक्र – रंग: नीला
सहस्रार चक्र – रंग: बैगनी
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7 चक्र के देवता
हमने सात चक्र के देवता के बारे में नीचे जानकारी प्रदान की हैं.
मूलाधार चक्र: इस चक्र का स्थान गुदा के पास मौजूद हैं. इस चक्र के देवता भगवान गणेश को माना जाता हैं.
स्वादिष्ठान चक्र: इस चक्र का स्थान लिंग हैं. और इस चक्र के देवता माता सावित्री तथा ब्रह्माजी को माना जाता हैं.
मणिपुर चक्र: इस चक्र का स्थान नाभि हैं. और चक्र के देवता भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को माना जाता हैं.
अनाहत चक्र: इस चक्र का स्थान ह्रदय माना जाता हैं. और इस चक्र के देवता भगवान शिव तथा माता पार्वती को माना जाता हैं.
विशुद्ध चक्र: इस चक्र का स्थान कंठ हैं. और इस चक्र के देवता आदि शक्ति को माना जाता हैं.
आज्ञा चक्र: इस चक्र का स्थान जहां तिलक लगाते है. वहा होता हैं. और यह हमेशा जाग्रत अवस्था में रहता हैं. आत्मा का निवास स्थान इस चक्र को ही माना जाता हैं.
सहस्रसार चक्र: इस चक्र स्थान चोटी वाली जगह पर माना जाता हैं. और इस चक्र के देवता भगवान निरंजन को माना जाता हैं.
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7 चक्र कैसे जागृत करें
किसी भी चक्र को जागृत करने के लिए मैडिटेशन का सहारा लेना पड़ता हैं. सात चक्र को जागृत करने के कुछ तरीके हमने नीचे बताए हैं.
मूलाधार चक्र: इस चक्र को जागृत करने के लिए मैडिटेशन करने के साथ-साथ नींद, संभोग, भोग आदि को दूर करना होगा.
स्वादिष्ठान चक्र: इस चक्र को जागृत करने के लिए आपको मनोरंजन जैसे शौक से दूर होना होगा.
मणिपुर चक्र: इस चक्र को जागृत करने के लिए अधिक से अधिक पेट से श्वास लेनी होती हैं. और ज्यादा से ज्यादा ध्यान लगाए.
अनाहत चक्र: इस चक्र को जागृत करने के लिए दिल पर संयम रखकर ध्यान करना होता हैं.
विशुद्ध चक्र: इस चक्र को जागृत करने के लिए कंठ पर ध्यान लगाकर अधिक से अधिक मैडिटेशन करे.
आज्ञा चक्र: इस चक्र को जागृत करने के लिए अपनी ललाट पर अधिक से अधिक ध्यान केन्द्रित करके ध्यान करना चाहिए.
सहस्रसार चक्र: इस चक्र को जागृत करने के लिए लगातार ध्यान करना होता हैं.
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निष्कर्ष
दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से 7 चक्र बीज मंत्र तथा 7 चक्र के नाम नाम बताए हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं.
हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.
दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह 7 चक्र बीज मंत्र, नाम / 7 चक्र के देवता / 7 चक्र कैसे जागृत करें आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद
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