भगवान शिव की मृत्यु कैसे हुई – सम्पूर्ण जानकारी

भगवान शिव की मृत्यु कैसे हुई – सम्पूर्ण जानकारी – हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा की जाती हैं. भगवान शिव को महादेव, भोलेनाथ, आदिनाथ जैसे आदि नामों से भी जाना जाता हैं. इसके साथ भगवान शिव के कुल 108 नाम हैं.

भगवान शिव को संहार का देवता भी माना जाता हैं. इसका मतलब यह होता है. की इस सृष्टि पर जितने भी जीव जन्म लेते है. उनका संहार करने का कार्य भगवान शिव का हैं.

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लेकिन कुछ लोग सवाल करते है की भगवान शिव की मृत्यु कैसे हुई अब जो संहार का देवता है. जो लोगो के प्राण हरने का काम करते है. उनकी मृत्यु भला कैसे हो सकती हैं. अगर आपके मन में भी ऐसा कुछ सवाल है. तो यह आर्टिकल पूरा पढ़े इस आर्टिकल में आपको आपके सवाल का जवाब मिल जाएगा.

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से भगवान शिव की मृत्यु कैसे हुई इस सवाल पर आप से कुछ चर्चा करना चाहते हैं.

तो आइये इस बारे में हम आपको थोडा विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करते हैं.

भगवान शिव की मृत्यु कैसे हुई

इस सवाल के जवाब में काफी सोचने और पढने के बाद में पाया की वेदों के अनुसार तो भगवान शिव का जन्म हुआ ही नहीं. भगवान शिव तो स्वयं सृष्टि के जन्मदाता हैं. और सृष्टि के संहार करता भी भगवान शिव ही है. अब जो जन्म देने वाला और मृत्यु देने वाला भगवान शिव ही है. तो उनका मृत्यु कैसे हो सकता है.

भगवान शिव तो अजर, अमर, अविनाशी हुए. भगवान शिव तो स्वयं परमेश्वर है. उनको मनुष्य की श्रेणी में कैसे लिया जा सकता हैं. भगवान शिव का न कोई आदि है न कोई अंत हैं. भगवान शिव ने किसी के गर्भ में से जन्म नहीं लिया हैं. इसलिए भगवान शिव की मृत्यु भी नहीं हो सकती हैं.

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भगवान शिव की मृत्यु का पुराणों में नही मिला वर्णन

भगवान शिव की मृत्यु का किसी भी पुराणों में वर्णन नही मिला हैं. वह ना तो किसी के गर्भ से जन्मे है. और ना ही उनका कोई अंत हैं. इसलिए तो भगवान शिव को मृत्युंजय के नाम से भी जाना जाता हैं. यह बात तो हम सभी भी जानते हैं की भगवान शिव को मृत्युंजय के नाम से जाना जाता हैं. फिर भी ऐसे सवाल करते है की भगवान शिव की मृत्यु कैसे हुई.

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अगर आप मृत्युंजय नाम का अर्थ नही जानते है तो नीचे हमने अर्थ दिया हैं.

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मृत्युंजय का अर्थ

मृत्युंजय का अर्थ होता है जिसने मृत्यु पर विजय हांसिल की हैं. मृत्युंजय नाम का मतलब भगवान शिव मौत के विजेता होता हैं. इसके अलावा जिसने मृत्यु पर विजय हांसिल की है. तथा जो अमर है. जिसकी मृत्यु नहीं होने वाली यह भी मतलब होता हैं.

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शिव पुराण में भगवान शिव की मृत्यु के बारे में क्या लिखा है

शिव पुराण में भगवान शिव की लीलाओं और उनके महात्मय के बारे में बताया गया हैं. इसलिए इस महान ग्रंथ को शिव पुराण के नाम से जाना जाता हैं. शिव पुराण में भगवान शिव को पापों का नाश करने वाला देव बताया गया हैं. तथा शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव को स्वयंभू माना गया हैं. इसका अर्थ होता है इनकी उत्पत्ति स्वयं हुई हैं. शिव जन्म और मृत्यु से परे हैं.

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इसलिए अंत में यह तथ्य निकलता है की भगवान शिव अमर और अविनाशी हैं. इनकी मृत्यु कभी भी नही हो सकती हैं. भगवान शिव के मृत्यु का वर्णन किसी भी पुराण में नहीं लिखा हैं.

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से भगवान शिव की मृत्यु कैसे हुई? इस सवाल के जवाब में बताया की भगवान शिव अमर और अविनाशी है. उनका मृत्यु कभी भी नहीं हो सकता हैं.

हम उम्मीद करते है की इस आर्टिकल के माध्यम से आपके सवाल का जवाब मिल गया होगा. तथा यह आर्टिकल आप के लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर आपको यह आर्टिकल उपयोगी साबित हुआ है. तो आगे जरुर शेयर करे.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह भगवान शिव की मृत्यु कैसे हुई आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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2 thoughts on “भगवान शिव की मृत्यु कैसे हुई – सम्पूर्ण जानकारी”

  1. *शिव शंकर जी अमर नहीं हैं* जानकारी के लिये देखें–
    1• श्री शिव महापुराण में विश्वेश्वर संहिता पृष्ठ सं○24से30 तक
    जिसमे शंकर जी स्वयं कह रहे हैं कि मेरी जन्म व मृत्यु हुआ करती है, हे मां (दुर्गा)आप ही अजर अमर व प्रकृति व सनातनी देवी हो ।
    2• शंकर जी अगर अमर होते तो भस्मकडा
    युक्त भस्मासुर के खदेड़ने पर क्यों भागते ।

    Reply
  2. भगवान शिव शंकर कल नहीं महाकाल है और जो भस्मासुर को वरदान दिया था उस वरदान की लाज रखने के लिए भगवान शिव भस्मासुर से दूर भाग रहे थे क्योंकि अगर भस्मासुर भगवान शिव के सर पर हाथ रख देता और भगवान शिव भस्मा नहीं होते तो उनका वरदान झूठा साबित होता भगवान को भी अपने दिए गए वरदान को सत्य साबित करने के लिए भस्मासुर से भागना पड़ा

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