नीम करोली बाबा मंत्र – नीम करोली बाबा की बचपन की कहानी

नीम करोली बाबा मंत्र – नीम करोली बाबा की बचपन की कहानी – नीम करोली बाबा हनुमान जी के बहुत बड़े भक्त माने जाते हैं. उनके चाहने वालों तथा भक्तो का मानना है. की नीम करोली बाबा स्वयं हनुमान जी का स्वरूप थे. नीम करोली बाबा 20वीं सदी के महान संत माने जाते हैं. ऐसा माना जाता है की उन्होंने अपने समय में काफी चमत्कार किए थे.

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इसलिए उनके चमत्कारों की चर्चा देश में ही नहीं विदेशो में भी होती हैं. ऐसा माना जाता है की नीम करोली बाबा के चमत्कारों की चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा फेसबुक के सीइओ मार्क जुकरबर्ग भी कर चुके हैं. आज के समय में भी उनके नाम से उत्तराखंड में नीम करोली बाबा आश्रम मौजूद हैं.

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से नीम करोली बाबा मंत्र बताने वाले हैं. इसके अलावा नीम करोली बाबा के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले हैं. इसलिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

नीम करोली बाबा मंत्र      

नीम करोली बाबा का मंत्र हमने नीचे बताया हैं.

नीम करोली बाबा मंत्र                       

मैं हूँ बुद्धि मलीन अति, श्रद्धा भक्ति विहीन ।

करू विनय कछु आपकी, होउ सब ही विधि दीन।।

श्रद्धा के यह पुष्प कछु। चरणन धरि सम्हार।।

कृपासिंधु गुरुदेव प्रभु। करि लीजे स्वीकार।।

इस मंत्र जाप से नीम करोली बाबा की कृपा और आशीर्वाद सदैव आप पर बने रहेगे.

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नीम करोली बाबा का स्थान कहां है

नीम करोली बाबा का आश्रम उत्तराखंड की हिमालय तलहटी में मौजूद हैं. यह आश्रम नैनीताल से अल्मोड़ा जाने वाले मार्ग पर समुद्र तल से 1400 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं. इस आश्रम को कैँची धाम से भी जाना जाता हैं.

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नीम करोली बाबा की बचपन की कहानी

नीम करोली बाबा का बचपन का नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था. नीम करोली बाबा का जन्म उत्तरप्रदेश के फिरोजाबाद जिले में मौजूद अकबरपुर गाँव में सन 1900 के आसपास एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था.

उनके पिताजी का नाम दुर्गा प्रसाद शर्मा था. महज 11 वर्ष की आयु में नीम करोली बाबा की शादी हो गई थी. लेकिन ऐसा माना जाता है की शादी होने के तुरंत बाद उन्होंने अपना घर परिवार सब छोड़ दिया था.

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घर छोड़ ने के बाद नीम करोली बाबा गुजरात चले गए थे. लेकिन 10 से 15 वर्ष बाद उन्हें किसी ने उत्तरप्रदेश के नीम करोली गाँव में साधू के रूप में देखा. और उनके पिताजी को जानकारी दी की आपका बेटा नीम करोली गाँव में हैं. इसके पश्चात उनके पिता ने उनसे मिलकर फिर से गृहस्थ जीवन में आने के लिए बार-बार मनाया. कुछ साल गृहस्थ जीवन जीने के बाद उन्होंने फिर से घर छोड़ दिया.

इसके पश्चात उन्होंने उत्तराखंड के नैनीताल में अपना तपोस्थल बनाया. और वहां रहने लगे. तथा हनुमान जी की पूजा अर्चना करने लगे. उन्होंने अपने समय में लोगो को काफी चमत्कार दिखाए. इस वजह से लोग उन्हें हनुमान जी का ही स्वरूप मानते थे. आज भी वह जगह कैंची धाम से प्रसिद्ध हैं. और हर साल 15 जून को वहां मेला लगता हैं.

नीम करोली बाबा के शिष्य

नीम करोली बाबा के देश से अधिक तो विदेशी शिष्य थे. अमेरिका से आने वाले काफी लोग उन्हें मानते थे. ऐसा माना जाता है की एपल के सीइओ स्टीव जॉब्स तथा फेसबुक के सीइओ मार्क जुकरबर्ग भी नीम करोली बाबा के शिष्य थे. मार्क जुकरबर्ग तो काफी बार नीम करोली बाबा के चमत्कार की चर्चा कर चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी नीम करोली बाबा को मानते थे. और वह भी उनके चमत्कार के बारे में काफी बार चर्चा कर चुके हैं.

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नीम करोली बाबा की मृत्यु कैसे हुई

नीम करोली बाबा ने अपना अंतिम जीवन वृंदावन में बिताया था. और वही पर उन्होंने अपने शरीर को त्याग दिया था.

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से नीम करोली बाबा मंत्र बताया हैं. इसके अलावा नीम करोली बाबा के बारे में कुछ जानकारी भी प्रदान की हैं. हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह नीम करोली बाबा मंत्र / नीम करोली बाबा की बचपन की कहानी आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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