कालसर्प पूजा के बाद प्रतिबंध / कालसर्प दोष निवारण मंत्र तथा पूजा सामग्री

कालसर्प पूजा के बाद प्रतिबंध / कालसर्प दोष निवारण मंत्र तथा पूजा सामग्री – कालसर्प दोष एक ऐसा दोष है. जो किसी जातक की कुंडली में हो तो जातक का जीवन संघर्षमय बन जाता हैं. यदि जातक की कुंडली में सात ग्रह सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि यह सभी ग्रह राहू और केतु के बीच स्थित हो जाते है. तो कालसर्प दोष योग बनता हैं.

ऐसे व्यक्ति को अपने जीवन में काफी सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं. यदि किसी जातक की कुंडली में कालसर्प दोष है. तो उन्हें किसी अच्छे ज्योतिष को दिखाना चाहिए. तथा पूजा आदि करनी चाहिए. कालसर्प पूजा के बाद कुछ प्रतिबंध होते हैं. जिसके बारे में सभी को जानकारी नहीं होती हैं. अगर आप यह जानकारी चाहते है. तो हमारा यह आर्टिकल पूरा पढ़े.

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दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से कालसर्प पूजा के बाद प्रतिबंध बताने वाले हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से संबंधित अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

कालसर्प दोष योग के फायदे / कालसर्प योग के लक्षण तथा निवारण के उपाय

कालसर्प पूजा के बाद प्रतिबंध

कुछ लोग कहते है की कालसर्प पूजा करने के बाद भी जीवन में संघर्ष चालू ही हैं. उनकी समस्याओं का कोई भी निवारण नहीं हुआ हैं. कालसर्प पूजा करने के बाद भी अगर समस्याओं का निवारण नहीं हुआ है. तो समझ लीजिए की कुंडली में कालसर्प योग के कारण घर में वास्तु दोष उत्पन्न हुआ हैं. अगर कालसर्प पूजा के बाद वास्तु दोष उत्पन्न हुआ है. तो आपकी समस्या का निवारण होने में बाधाएं आ रही है.

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इसके लिए आपको किसी वास्तुशास्त्र ज्योतिष को दिखाने की आवश्यकता पड सकती हैं. वास्तुशास्त्र ज्योतिष पूजा के बाद घर में कुछ परिवर्तन करने की सलाह दे सकते हैं. या फिर कुछ प्रतिबंध लगा सकते हैं. जिससे आपकी सभी समस्या का निवारण हो जाएगा.

कालसर्प दोष कैसे पता करें

अगर आप मानसिक तनाव से गुजर रहे है, सही निर्णय नही ले पा रहे है, परिवार में कलह हो रहा है, परिश्रम करने के बाद भी सफलता नहीं मिल रही है, जातक को प्राय: सपने में साप दिखाई दे रहा है. तो समझ लीजिए की कालसर्प दोष लगा हुआ हैं. अगर आपके साथ भी ऐसा होता है. तो किसी ज्योतिष को अपनी कुंडली जरुर दिखाए.

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कालसर्प दोष की पूजा कब होती है

कालसर्प दोष की पूजा करने के लिए नाग पंचमी का दिन सबसे बेहतरीन और उत्तम माना गया हैं.

कालसर्प दोष पूजा सामग्री

कालसर्प दोष में निम्नलिखित पूजा सामग्री की आवश्यकता होती है:

  • एक श्री फल
  • 11 सुपारी
  • दस ग्राम जितना लौंग
  • दस ग्राम इलायची
  • मोली
  • रोली
  • सात पान के पत्ते
  • 11 जनेऊ
  • सो ग्राम कच्चा दूध
  • सो ग्राम दही
  • पचास ग्राम शहद
  • एक किलो देशी घी
  • 500 ग्राम चीनी
  • अगरबत्ती, धुप
  • साबुत चावल
  • पंच मेवा
  • हवन सामग्री
  • काले तिल
  • भोज पत्र
  • कमल गट्टा
  • रुई
  • काली मिर्च
  • पिला कपड़ा
  • कपूर
  • आम के पत्ते
  • शिवलिंग
  • नौ नाग
  • बेलपत्री

कालसर्प दोष का निवारण कहां होता है

कालसर्प दोष का निवारण करने के लिए नाशिक का त्रयंबकेश्वर मंदिर अतिउत्तम माना जाता हैं. अगर आप कालसर्प दोष की पूजा करवाना चाहते है तो नाशिक के त्रयंबकेश्वर मंदिर में करवाए.

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कालसर्प दोष निवारण मंत्र

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कालसर्प दोष कितने प्रकार का होता है

कालसर्प दोष 12 प्रकार के होते है. जो निम्नलिखित है:

  • कुलिक कालसर्प दोष
  • वासुकी कालसर्प दोष
  • शंखपालकालसर्प दोष
  • महापद्म कालसर्प दोष
  • तक्षक कालसर्प दोष
  • कर्कोटक कालसर्प दोष
  • शंखचूड़ कालसर्प दोष
  • घातक कालसर्प दोष
  • विषधर कालसर्प दोष
  • शेषनाग कालसर्प दोष
  • अनन्त कालसर्प दोष
  • पद्म कालसर्प दोष

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कालसर्प पूजा के दिन क्या नहीं करना चाहिए

कालसर्प पूजा के दिन कुछ ऐसे कार्य होते है जिसे करने से हमे बचना चाहिए. कालसर्प पूजा के दिन नही करने वाले कुछ कार्य के बारे हमने नीचे जानकारी प्रदान की हैं.

  • कालसर्पपूजा के दिन आपको वस्त्र साथ में नहीं ले जाना चाहिए. इस दिन वस्त्र साथ में ले जाना वर्जित माना जाता हैं.
  • कालसर्पपूजा के दिन लहसुन और प्याज से दुरी बनाकर रखना चाहिए.
  • इस दिन आपको शराब तथा नशीली वस्तु से दूर रहना चाहिए.
  • बीडी, सिगरेट, मांस मदिरा आदि का सेवन इस दिन नही करना चाहिए.
  • कालसर्पपूजा के दिन बालो में तेल नही लगाना चाहिए. तैलीय बालो में यह पूजा करना वर्जित माना जाता हैं.
  • कालसर्पपूजा के दिन हो सके तो गर्भवती महिला को इस पूजा में भाग नही लेना चाहिए.

कालसर्प दोष के लक्षण क्या है

कालसर्प  दोष के कुछ मुख्य लक्षण के बारे में हमने नीचे जानकारी प्रदान की हैं.

  • किसी कार्य में मन नहीं लगना
  • कार्य में विरोध उत्पन्न होना
  • घर में कलह
  • हीनभावना
  • उदासी
  • बेवजह तनाव
  • आर्थिक तंगी
  • धन की कमी
  • चिड़चिड़ापन
  • मायूसी
  • चिंता
  • आत्महत्या के विचार आना
  • एक ही विचार बार-बार आना
  • व्यापार में हानि की संभावना हमेशा बनी रहना

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

काल सर्प पूजा के बाद क्या हम नॉन वेज खा सकते हैं?

जी नहीं काल सर्प पूजा के दिन आपको नॉन वेज नही खाना चाहिए. और काल सर्प पूजा के 41 दिन के भीतर मांस खाना भी वर्जित माना जाता हैं. यानी की काल सर्प की पूजा होने के बाद 41 दिन तक आपको मांस आदि खाने से बचना चाहिए. काल सर्प की पूजा के 41 बाद आप कुछ भी खा पी सकते हैं.

क्या काल सर्प पूजा के बाद शराब पी सकते हैं?

जी नहीं काल सर्प पूजा के बाद 41 दिन तक आपको शराब से भी दुरी बनाकर रखनी चाहिए. यानी की आपको काल सर्प पूजा के बाद के 41 दिन तक ऐसी नशीली वस्तु से दूर रहना चाहिए.

काल सर्प दोष कुंडली में होने के लक्षण क्या है?

काल सर्प दोष अगर किसी की कुंडली में हैं. तो उसको कुछ इस प्रकार के लक्षण दिखाई दे सकते हैं.

  • रात्री को सोने के बाद गलत और डरावने सपने आना.
  • पिता और पुत्र के बीच झगड़ा उत्पन्न होना.
  • सोने के बाद शरीर पर सांप रेंग ने जैसा महसूस होना.
  • अपने लाइफ पार्टनर से हमेशा विवाद बना रहना.
  • सिर दर्द और शरीर में दर्द बना रहना.

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से कालसर्प पूजा के बाद प्रतिबंध बताए हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से संबंधित अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं. हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ है तो आगे जरुर शेयर करे.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह कालसर्प पूजा के बाद प्रतिबंध / कालसर्प दोष निवारण मंत्र तथा पूजा सामग्री आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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