महिलाओं को सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए या नहीं – सम्पूर्ण जानकरी

महिलाओं को सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए या नहींसम्पूर्ण जानकरी – सुंदरकांड का पाठ हनुमानजी का पाठ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि सुंदरकांड का पाठ करने से हनुमानजी जल्दी प्रसन्न हो जाते है. और जातक को संकट से मुक्ति दिलवाता है. शनिवार और मंगलवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करना अच्छा माना जाता है.

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सुंदरकांड का पाठ करना सभी के लिए अच्छा माना जाता है. लेकिन महिलाओं के लिए सुंदरकांड का पाठ करना सही है या नही. इस बारे में काफी कम लोगो को जानकारी होती है. आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से इसी बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले है. इसलिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरूर पढ़ें.

दोस्तो आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है कि महिलाओं को सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए या नहीं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुड़ी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले है.

तो आइए हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते है.

महिलाओं को सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए या नहीं

हिंदी सनातन धर्म में किसी भी देवी देवता की पूजा और आराधना पुरुष और महिला दोनों ही कर सकते है. लेकिन हनुमानजी एक ऐसे देव है. जो ब्रह्मचारी माने जाते है. इसलिए ऐसा माना जाता है कि महिलाओं को भी हनुमानजी की पूजा अर्चना से दूर रहना चाहिए. उनके पाठ आदि नही करने चाहिए.

लेकिन ऐसा नही है. हनुमानजी महिलाओं को अपनी माता के समान मानते है. इसलिए महिलाएं भी हनुमानजी की पूजा कर सकती है. उनका सुंदरकांड का पाठ कर सकती है. अगर महिला चाहे तो सुंदरकांड का पाठ कर सकती है. इसमें कोई भी नुकसान नही है.

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सुंदरकांड में सुंदर शब्द कितनी बार आया है

सुंदरकांड में 526 चौपाई, 60 दोहे और 3 श्लोक आते है. जिसमें से 24 बार सुंदर शब्द आया है.

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सुंदरकांड का पाठ करने की विधि

सुंदरकांड का पाठ करने की संपूर्ण विधि और नियम हमने नीचे विस्तारपूर्वक बताए है.

  • सुंदरकांड का पाठ आरंभ करने से पहले अपने आपको स्वच्छ करना जरूरी होता है. इसलिए सुंदरकांड का पाठ करने से पहले स्नान आदि करके अच्छे से वस्त्र धारण कर लेने चाहिए. इसके बाद आप सुंदरकांड का पाठ कर सकते है.
  • वैसे तो आप सुंदरकांड का पाठ किसी भी दिन कर सकते है. लेकिन मंगलवार या शनिवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करना अतिउत्तम माना जाता है.
  • सुंदरकांड का पाठ हमेशा ही सुबह या शाम को चार बजे के बाद करना चाहिए. दुपहर 12 बजे से 4 बजे के बीच कभी भी सुंदरकांड का पाठ नही करना चाहिए.
  • अगर आप शाम के समय भी सुंदरकांड का पाठ कर रहे है. तो आपको स्वच्छ होकर स्नान आदि करने के बाद सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए.
  • सुंदरकांड का पाठ शुरू करने से पहले हनुमानजी की प्रतिमा किसी अच्छी और स्वच्छ जगह पर आसन बिछाकर बाजोट पर स्थापित करे.
  • इसके बाद हनुमानजी के समक्ष शुद्ध घी का दीपक जलाकर धूप दीप आदि करे.
  • अब सुंदरकांड का पाठ शुरू करने से पहले भगवान श्री राम और हनुमानजी का आहवान करे.
  • इसके बाद सुंदरकांड का पाठ करना शुरू करे. सुंदरकांड का पाठ करते समय बीच मे किसी अन्य के साथ बात ना करे. और एक ही जगह बैठकर पाठ को पूर्ण कर.
  • सुंदरकांड का पाठ पूर्ण होने के बाद हनुमानजी को भोग लगाए. भोग में आप लड्डू, गुड़, चना, फल आदि लगा सकते है. हनुमानजी को हमेशा सात्विक भोग ही लगाए.
  • भोग लगाने के बाद आरती अवश्य करे. इसके बाद भोग लगाया हुआ प्रसाद सभी में बांट दीजिए.
  • इतना हो जाने के बाद हनुमानजी की विदाई करना भी जरूरी माना जाता है. इसलिए उनकी विदाई अवश्य करे.

तो कुछ इस प्रकार से आप विधि पूर्वक सुंदरकांड का पाठ कर सकते है. सुंदरकांड का पाठ करना हमारे लिए अच्छा माना जाता है. इससे हमारे आसपास मौजूद बुरी शक्ति का नाश होता है. और हमे संकटों से मुक्ति मिलती है.

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है की महिलाओं को सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए या नहीं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं.

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह महिलाओं को सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए या नहीं / सुंदरकांड में सुंदर शब्द कितनी बार आया है आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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