पूजा कब नहीं करनी चाहिए | सुबह कितने बजे उठकर पूजा करनी चाहिए

पूजा कब नहीं करनी चाहिए / सुबह कितने बजे उठकर पूजा करनी चाहिए – मनुष्य पुराने समय से ही पूजा-पाठ करते आया हैं. लगभग सभी लोग परिवार में शांति के लिए ईश्वर की पूजा करते हैं. घर में सुबह और शाम दो समय तो पूजा करते ही हैं. अगर मंदिरों में देखा जाए तो वहा भी सुबह और शाम दोनों समय पूजा की जाती हैं.

लेकिन कुछ लोग होते है जो कभी भी पूजा करते हैं. पूजा करने का भी समय होता है और कुछ नियम होते हैं. अगर सही समय पूजा की जाए तो पूजा का अधिक शुभ फल मिलता हैं.

pooja-kab-nahi-krni-chahie-subah-kitne-bje-uth-kr (1)

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से पूजा कब नहीं करनी चाहिए यह बताने वाले हैं. तथा पूजा करने का सही समय क्या है. इस बारे में भी आपको जानकरी प्रदान करने वाले हैं.

पूजा कब नहीं करनी चाहिए

हमारे हिंदू शास्त्र के अनुसार कुछ ऐसे समय है जब पूजा करना वर्जित माना गया हैं.

सट्टे का मुस्लिम मंत्र क्या है | सट्टे का नंबर निकालने का मंत्र

दोपहर 12 से 4 बजे के बिच पूजा नही करनी चाहिए

हमारे हिंदू शास्त्रों के अनुसार देखा जाए. तो दोपहर के 12 से 4 बजे के बिच के समय में पूजा करना वर्जित माना गया हैं. इस समय पूजा नही करनी चाहिए इस समय भगवान विश्राम कर रहे होते हैं.

इसलिए आप किसी भी मंदिर में देखना दोपहर के समय मंदिर के पट बंद रखे जाते हैं. इस समय मनुष्य का मन वैसे भी एकाग्र नही रहता. तो पूजा करने का फल वैसे भी नही मिलता हैं.

pooja-kab-nahi-krni-chahie-subah-kitne-bje-uth-kr (2)

रात को 12 बजे से 1 बजे के बिच पूजा नही करनी चाहिए

अगर आप हनुमान जी पूजा करते है. तो ऐसा माना जाता है की रात को 12 बजे से 1 बजे के बिच हनुमान जी पूजा नही करनी चाहिए. इस समय हनुमान जी लंका में होते है ऐसा माना जाता हैं.

पूजा कब नहीं करनी चाहिए | सुबह कितने बजे उठकर पूजा करनी चाहिए

सूतक के समय पूजा नही करनी चाहिए

सूतक के बारे में ऐसा माना जाता है. की यह एक अशुभ काल होता हैं. इसलिए इस समय पूजा करना वर्जित माना जाता हैं. तथा इस समय देव-दर्शन के लिए भी नही जाना चाहिए.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण के 12 घंटे बाद सूतक लग जाता हैं. इस कारण इस समय मंदिर के पट बंद कर दिए जाते हैं. ग्रहण के बाद स्नान आदि करने के बाद पूजा स्थल को पवित्र करके पूजा की जा सकती हैं.

जन्म और मृत्यु संबंधित सूतक में पूजा नही करनी चाहिए

संतान के जन्म के बाद पूजा करना वर्जित माना गया हैं. यह भी सूतक का एक प्रकार है. जिसे संतान के जन्म के बाद 10 दिन तक माना जाता हैं. इसी प्रकार घर में किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है. तो सूतक लग जाता हैं. मृत्यु के 13 दिन तक पूजा करना वर्जित माना गया हैं.

ब्रह्मचर्य के नुकसान क्या है | ब्रह्मचर्य पालन के नियम, अखंड ब्रह्मचर्य क्या है

स्त्री के मासिकधर्म के दौरान पूजा नही करनी चाहिए

जब भी स्त्री मासिकधर्म से गुजरती है. तब पूजा-पाठ करना वर्जित माना गया हैं. इस समय कोई भी स्त्री पूजा-पाठ नही करती हैं. इसे अशुभ माना गया हैं.

शाम को कितने बजे पूजा करनी चाहिए

शाम को सूर्यास्त के समय पूजा करनी चाहिए. सूर्यास्त का समय लगभग 6.30 बजे से 7.30 के बिच होता हैं. इस समय पूजा करना बहुत ही शुभ हैं.

कुंडली में सप्तम भाव खाली हो तो क्या संकेत देता है | कुंडली में भाव कैसे देखे

क्या दोपहर में पूजा करनी चाहिए

कुछ लोगो का सवाल होता है की दोपहर को पूजा करनी चाहिए. तो दोस्तों जैसे की हमने ऊपर बताया दोपहर 12 बजे से 4 बजे के बिच पूजा नही करनी चाहिए. क्योंकि इस समय भगवान विश्राम कर रहे होते हैं.

सुबह कितने बजे उठकर पूजा करनी चाहिए

भगवान की पूजा के लिए सुबह का समय सर्वश्रेष्ठ माना गया हैं. वैसे तो देखा जाए तो सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद 6 से 8 के बिच पूजा करना अधिक शुभ माना जाता हैं. वैसे तो 8 बजे के बाद भी पूजा की जाती है लेकिन 6 से 8 का समय अधिक शुभ हैं.

pooja-kab-nahi-krni-chahie-subah-kitne-bje-uth-kr (3)

सुबह के समय पूजा करने से हमारे शरीर में पुरे दिन ऐनर्जी रहती हैं. सुबह का समय सकारात्मक ऊर्जा से भरा हुआ होता हैं. तो हम पूरे दिन एकाग्र होकर ऐनर्जी के साथ काम करते हैं.

मूल शांति पूजन सामग्री लिस्ट इन हिंदी | मूल नक्षत्र कौन कौन से हैं | मूल नक्षत्र कैसे जाने

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से पूजा कब नहीं करनी चाहिए इस बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की हैं. तथा सुबह के समय 6 से 8 और शाम के समय सूर्यास्त के समय 6.30 से 7.30 के बिच पूजा करना शुभ माना जाता है. यह भी बताया. हम आशा करते है की आपको यह आर्टिकल उपयोगी साबित हुआ होगा.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह आर्टिकल पूजा कब नहीं करनी चाहिए अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

नाम से जन्म कुंडली बनाना | जन्म कुंडली के लाभ, रहस्य, ग्रहों के घर

सिद्ध कुंजिका मंत्र 108 बार करने से क्या होता है | सिद्ध कुंजिका स्तोत्र उत्कीलन मंत्र

रुद्राक्ष का पानी पीने के फायदे | रुद्राक्ष की माला पहनने के नियम, फायदे और कीमत 

 

5 thoughts on “पूजा कब नहीं करनी चाहिए | सुबह कितने बजे उठकर पूजा करनी चाहिए”

  1. Many temples in our planet open in afternoon while we know the time of worship not good neither after noon and nor night after 12 pm,
    So why we should open temples in evening.

    Reply
    • सुबह के समय दैवीय शक्‍त‍ियां बलवान होती हैं जबक‍ि शाम के समय आसुरी। इस तरह दोनों समय की पूजा का महत्‍व है। सुबह के समय भगवान को प्रसन्‍न करने के पूजन करें तो शाम को आसुरी प्रभाव कम करने के ल‍िए पूजा करें।

      Reply
    • Temple isn’t only a place to offer prayers and gifts to God! But also a place where you can go and sit with God.
      Also God doesn’t reject your prayers even at that time but Vedas teach you about your moral responsibility to let the god enjoy their own time.
      God doesn’t said these things because God shall listen to you even in own pain but you should think about God and should give him time to rest or meditate.
      ♥ Radhe krishna ❤️ hare Krishna

      Reply
  2. Sar main guruwar ka vrat Karti hun to usmein 8:00 baje ke andar andar yam ghante ka kal hota hai to kya vah Shubh samay hai Puja karne ke liye 🤔😳😳

    Reply

Leave a Comment