सरस्वती पूजा के दिन पढ़ना चाहिए या नहीं / सरस्वती माता का व्रत किस दिन होता है

सरस्वती पूजा के दिन पढ़ना चाहिए या नहीं / सरस्वती माता का व्रत किस दिन होता है – सरस्वती माता को ज्ञान और विद्या की देवी माना जाता हैं. जिन छात्रो को पढाई में मन नहीं लगता हैं. या फिर पढ़ा हुआ याद नहीं रहता हैं. तो सरस्वती पूजा का बहुत ही महत्व माना जाता हैं. अगर कोई छात्र सरस्वती माता की पूजा-अर्चना करते हैं. तो उनका मन पढाई में लगता हैं. तथा पढ़ा हुआ याद रहने लगता हैं. इससे छात्र गुणवान तथा अच्छे अंक से पास होने वाला बनता हैं.

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कुछ लोग तो सरस्वती माता की विशेष कृपा पाने के लिए उनके नाम से व्रत भी करते हैं. दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की सरस्वती पूजा के दिन पढ़ना चाहिए या नहीं तथा सरस्वती माता का व्रत किस दिन होता है.

इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

सरस्वती पूजा के दिन पढ़ना चाहिए या नहीं

माता सरस्वती को ज्ञान और विद्या की देवी माना जाता हैं. हर साल बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती हैं. इस दिन सिर्फ छात्र ही नहीं लेकिन बड़े-बड़े महापुरुष भी माता सरस्वती की आराधना करते हैं.

अगर आप इस दिन माता सरस्वती की पूजा करने के साथ-साथ पढाई करते हैं. तो आपका दिमाग तेज और बुद्धिवान बनता हैं. इसलिए आप सरस्वती पूजा के दिन पढ़ सकते हैं.

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सरस्वती माता का व्रत किस दिन होता है

हर साल शुक्ल पक्ष की तिथि के दिन बसंत पंचमी के दिन सरस्वती माता का व्रत रखा जाता हैं.

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सरस्वती माता का व्रत कैसे करें 

सरस्वती माता का व्रत करने की संपूर्ण विधि हमने नीचे बताई हैं.

  • व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद पीले रंग के वस्त्र धारण कर ले.
  • अब सरस्वती माता की पूजा करने का तथा व्रत रखने का संकल्प ले.
  • संकल्प लेने के बाद अच्छे से पाट पर पीला कपड़ा बिछाकर माता सरस्वती की प्रतिमा की स्थापना करे.
  • अब माता को पीले अक्षत, केसर, हल्दी, पीला चंदन आदि अर्पित करे.
  • इसके अलावा पीले रंग के पुष्प भी अर्पित करे.
  • इतना हो जाने के पश्चात माता को मीठे चावल का भोग लगाए.
  • अंत में माता सरस्वती की आरती करके उनकी वंदना करे. तथा उनसे हाथ जोड़कर मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करे.

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सरस्वती माता के व्रत में क्या खाना चाहिए

सरस्वती माता का व्रत निर्जला रखा जाता हैं. अगर आप इस दिन फलाहार करना चाहते हैं. तो फलाहार के रूप में साबूदाना की खिचड़ी, साबूदाना के पापड़, पीले रंग के फल, ड्राईफ्रूट आदि का सेवन कर सकते हैं. इसके अलावा आप शाम के समय दूध से बनी खीर, मखाने से बनी खीर, दूध से बना मिल्कशेक आदि का सेवन कर सकते हैं. इसके अलावा आप दही से बनी मीठी लस्सी का सेवन कर सकते हैं.

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इस दिन अगर आप चाय और कोफ़ी का सेवन करना चाहते हैं. तो चाय और कोफ़ी का सेवन कर सकते हैं. लेकिन इस दिन पेट भूखा होने की वजह से अगर आप चाय और कोफ़ी का सेवन न करे. तो आपके लिए अच्छा माना जाता हैं. क्योंकि चाय और कोफ़ी के सेवन से आपको एसिडिटी की समस्या उत्पन्न हो सकती हैं. और आप व्रत के दिन परेशान हो सकते हैं.

सरस्वती जी के गले में किस की माला है

सरस्वती को ज्ञान और विद्या की देवी माना जाता हैं. इसलिए सरस्वती जी गले में स्फटिक की माला होती हैं.

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है की सरस्वती पूजा के दिन पढ़ना चाहिए या नहीं तथा सरस्वती माता का व्रत किस दिन होता है. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं.

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह सरस्वती पूजा के दिन पढ़ना चाहिए या नहीं / सरस्वती माता का व्रत किस दिन होता है आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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