गरुड़ पुराण कब पढ़ना चाहिए / गरुड़ पुराण के टोटके, नियम, और फायदे – गरुड़ को भगवान विष्णु का वाहन और कश्यप ऋषि का पुत्र माना जाता हैं. हिंदू धर्म में गरुड़ पुराण को विशेष महत्व दिया गया हैं. क्योंकि गरुड़ पुराण एक महापुराण है. जिसमें विष्णु भक्ति का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया हैं. गरुड़ पुराण में मनुष्य का जीवन खुशहाल बने ऐसी काफी सारी बाते बताई गई है.
दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की गरुड़ पुराण कब पढ़ना चाहिए तथा गरुड़ पुराण के टोटके, नियम, विधि और फायदे के बारे में भी बताने वाले हैं. इसके अलावा गरुड़ पुराण से संबंधित अन्य और भी जानकारियां प्रदान करेगे.
तो आइये हम आपको इस बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करते हैं.
कमलगट्टे के टोटके और कीमत / कमलगट्टे का पौधा कैसा होता है
गरुड़ पुराण कब पढ़ना चाहिए
ऐसा माना जाता है की सनातन धर्म में मनुष्य की मृत्यु के बाद गरुड़ पुराण सुनना चाहिए. गरुड़ पुराण सुनने से और इसका मनन करने से मनुष्य को सद्गति की प्राप्ति होती हैं.
गरुड़ पुराण के टोटके
गरुड़ पुराण में कुछ ऐसी बाते लिखी गई है. जो किसी भी व्यक्ति को जीवन में सफलता दिला सकती है. गरुड़ पुराण के अनुसार अगर कोई जीवन में सफलता पाना चाहता है. तो नीचे दिए गए टोटके करने से सफलता मिलती हैं.
- गरुड़ पुराण के अनुसार भगवान विष्णु मनुष्य के सभी दुखो का निवारण करते है. इसलिए रोजाना स्नान आदि करके भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से मनुष्य के सभी दुखो का निवारण होता हैं. और मनुष्य की मनोकामना पूर्ण होती हैं.
- हमारे हिंदू धर्म में गाय को माता समान माना जाता हैं. गाय में सभी देवी-देवताओं का वास होता हैं. इसलिए हम गाय की पूजा करते हैं. अगर कोई गाय को देवतुल्य मानकर गाय की पूजा-अर्चना करते है. तो व्यक्ति की समस्या का अंत होता है. और मनुष्य को सभी पापों से मुक्ति मिलती हैं.
- तुलसी को भगवान का रूप माना जाता है. अगर हम अपने घर में तुलसी लगाते है. और रोजाना जल चढ़ा के पूजा करते है. तो यह शुभ माना जाता है. इससे मनुष्य की समस्या का निवारण भी होता हैं.
- ग्रंथो और पुराणों में एकादशी व्रत को श्रेष्ठ माना गया हैं. ऐसा माना जाता है की एकादशी का व्रत पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ किया जाए तो शुभ फलों की प्राप्ति होती हैं.
गरुड़ पुराण में लिखी गई इन सभी बातो को जीवन में करने से मनुष्य को शुभ फल की प्राप्ति होती है. तथा मनुष्य के पापों का नाश होता हैं.
सुन्दरकाण्ड के टोटके सरल और छोटे | सुन्दरकाण्ड का पाठ करने की विधि और नियम
गरुड़ पुराण पढ़ने के नियम / गरुड़ पुराण पढ़ने की विधि
गरुड़ पुराण में मृत्यु के पहले की तथा मृत्यु के बाद की स्थिति के बारे में बताया गया हैं. इसलिए गरुड़ पुराण मृतक को सुनाया जाता हैं. ऐसा माना जाता है की 13 दिन तक मृतक अपनों के बीच में ही रहता हैं. इस 13 दिन तक गरुड़ पुराण का पाठ करने का नियम है. जिससे मृतक को सद्गति की प्राप्ति होती हैं.
gopal sahastranaam benefits in hindi / गोपाल सहस्त्रनाम स्त्रोत्र का पाठ करने की विधि
गरुड़ पुराण पढ़ने के फायदे
गरुड़ पुराण पढने से मनुष्य को काफी सारे लाभ होते है. ऐसा माना जाता है की गरुड़ पुराण पढ़ने से मनुष्य को सभी सुखो की प्राप्ति होती हैं. तथा मनुष्य के सभी प्रकार के पापों का नाश होता है और मनुष्य मोक्ष का भागीदार बनता हैं.
गरुड़ पुराण पढने से मनुष्य को इस बात का पता चलता है. की उन्हें अपने जीवन में कैसे कर्म करने चाहिए. और कैसे कर्म करने से बचना चाहिए. गरुड़ पुराण पढने के बाद व्यक्ति की आत्मा भटकती नहीं है. तथा व्यक्ति को सद्गति की प्राप्ति होती हैं.
भूमि प्राप्ति मंत्र और विधि | भूमि प्राप्ति के लिए मंत्र / भूमि प्राप्ति के लिए उपाय
गरुड़ पुराण घर में रखना चाहिए कि नहीं
गरुड़ पुराण 18 पुराणों में से एक पुराण है. जिसमे जीव और जीवन के बारे में विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया हैं. इसलिए गरुड़ पुराण अवश्य ही घर में रखना चाहिए.
नित्य धन प्राप्ति मंत्र / गुप्त धन प्राप्ति मंत्र / भाग्योदय के अचूक उपाय
निष्कर्ष
दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया की गरुड़ पुराण कब पढ़ना चाहिए. तथा गरुड़ पुराण के टोटके और गरुड़ पुराण के नियम और फायदे के बारे में भी बताया है. हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आप के लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ है तो आगे जरुर शेयर करे.
दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह गरुड़ पुराण कब पढ़ना चाहिए / गरुड़ पुराण के टोटके आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद
chandan lagane ka mantra / chandan tilak lagane ka mantra / चन्दन लगाने के फायदे
Mujhe garurd puran kitne baje se padhna chahiye time kitne se kitne baje tak
sham ke samay aur ratri ke 10 bhe se pahle padhe
मृत्यु के बाद 10 दिन में घर में प्राण भटकता रहता है
तो हमारे घर में कोई प्रमाण नहीं मिलता
Shailesh ji praman milte bhi h aapko dhyan dene ki jrurt h dhanywad