धूमावती माता का रहस्य तथा मंत्र – धूमावती साधना के लाभ

धूमावती माता का रहस्य तथा मंत्र – धूमावती साधना के लाभ – धूमावती माता का नाम आपमें से शायद ही किसी ने सुना होगा. धूमावती माता का स्वरूप माता पार्वती का ही रूप माना जाता हैं. माता पार्वती को ही धूमावती माता के नाम से जाना जाता हैं.

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माता पार्वती का नाम धूमावती माता कैसे पड़ा. तथा इसके पीछे क्या रहस्य हैं. इस बारे में हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले हैं. तो धूमावती माता का रहस्य जानने के लिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से धूमावती माता का रहस्य बताने वाले हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

धूमावती माता का रहस्य

धूमावती माता पार्वती का ही एक स्वरूप माना जाता हैं. माता पार्वती धूमावती माता कैसे बनी इसके पीछे एक बहुत बड़ा रहस्य छिपा हुआ हैं. जिसके बारे में हमने नीचे संपूर्ण जानकारी प्रदान की हैं.

दरअसल धूमावती माता का यह स्वरूप धुए के समान होने के कारण मातारानी का नाम धूमावती रखा गया हैं. यह नाम भगवान शिव के द्वारा ही रखा गया हैं. धूमावती माता का रहस्य यह है की एक समय की बात हैं. जब माता पार्वती को बहुत तेजी भूख लगी तो उन्होंने भगवान शिव से भोजन माँगा.

लेकिन जब माता पार्वती ने भोजन माँगा उस समय वहां आसपास भोजन उपलब्ध नहीं था. इसलिए भगवान शिव ने माता पार्वती को कुछ देर तक प्रतीक्षा करने को कहां. लेकिन काफी प्रतीक्षा करने के बाद भी जब भोजन नहीं मिला. और माता पार्वती की भूख और अधिक बढ़ गई. तो वह भूख से व्याकुल होने लगी.

जब माता पार्वती अपनी भूख सहन नहीं कर पाई. तो उन्होंने भगवान शिव को ही निगल लिया. लेकिन माता पार्वती ने जैसे ही भगवान शिव को निगला उनके अंदर से धुंआ निकलने लगा. क्योंकि भगवान शिव के अंदर समुद्र मंथन के दौरान का विष मौजूद था. इस विष की वजह से माता पार्वती जलने लगी और धुआं निकलने लगा.

माता पार्वती के अंदर विष इतना फ़ैल गया है. की उनके शरीर पर झुरियां पड़ने लगी और उनका स्वरूप बुढा होने लगा. इतना सहन करने के बाद जब माता पार्वती से रहा नही गया. तो उन्होंने भगवान शिव को मुंह से बाहर उगल दिया.

जब भगवान शिव माता पार्वती के मुंह में से बहार आए. तो उन्होंने माता पार्वती से कहां की देवी आपने भूख से व्याकुल होकर अपने पति को ही निगल लिया.

भगवान शिव इस बात को लेकर गुस्सा हुए. और माता पार्वती के धूमावती स्वरूप विधवा होने का श्राप दिया. इसके बाद धूमावती माता बूढी विधवा मानी गई. यह धूमावती माता का सबसे बड़ा रहस्य माना जाता हैं.

धूमावती माता के कुछ अन्य रहस्य हमने नीचे बताए हैं.

  • धूमावती माता के अलक्ष्मी और ज्येष्ठा के नाम से भी जाना जाता हैं.
  • प्रथम वेद ऋग्वेद में माता रानी का नाम सुतरा बताया गया हैं.
  • ऐसा माना जाता है की सुहागन स्त्रियां माता पार्वती के इस रूप की पूजा नहीं करती हैं. क्योंकि माता पार्वती का यह रूप विधवा का रूप माना जाता हैं.
  • जो लोग धूमावती माता की पूजा करते हैं. उन्हें रंगीन वस्तु चढ़ानी की मनाई हैं.

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धूमावती साधना के लाभ

धूमावती साधना के कुछ लाभ हमने नीचे बताए हैं.

ऐसा माना जाता है की जो धूमावती माता की श्रद्धा पूर्वक पूजा और साधना करते हैं. उनको सभी संकटों से मुक्ति मिलती हैं. अगर किसी के जीवन में किसी चीज़ का अभाव हैं.

तो धूमावती माता की साधना करने से सभी आवश्यक चीजों की प्राप्ति होती हैं. ऐसा माना जाता है. की जो लोग धूमावती माता की साधना करते हैं. उनके जीवन में भूख और अन्न को लेकर कोई कमी नहीं होती हैं. तथा आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता हैं.

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से धूमावती माता का रहस्य बताया है. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं.

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह धूमावती माता का रहस्य तथा मंत्र – धूमावती साधना के लाभ आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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