पृथ्वी पूजन मंत्र, पूजन विधि, व्रत, सामग्री / पृथ्वी पूजन क्यों जरूरी है – पृथ्वी को सम्पूर्ण संसार की माता माना जाता हैं. हिंदू धर्म में पृथ्वी अर्थात भूमि को माँ का दर्जा दिया गया हैं. इस संसार में रहने वाले लोगो को भूमि ही सब कुछ देती हैं. इसलिए कोई भी शुभ कार्य करने से पहले भूमि पूजन किया जाता हैं. हम अपना घर बनाए या फिर किसान अपना अन्न उगाये उसके पहले भूमि पूजन जरुर करते हैं.
दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से पृथ्वी पूजन मंत्र, पूजन विधि और व्रत के बारे में बताने वाले हैं. तथा पृथ्वी पूजन में लगने वाली सामग्री और पृथ्वी पूजन क्यों जरूरी है. इसके बारे में भी सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले हैं.
तो आइये इस बारे में हम आपको विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करते हैं.
Table of Contents
पृथ्वी पूजन मंत्र
पृथ्वी पूजन में नीचे दिए गए मंत्र का जाप किया जाता हैं.
पृथ्वी पूजन मंत्र
ऊँ ह्रीं श्रीं वसुधायै स्वाहा
पृथ्वी पूजन में इस मंत्र का जाप करने से पृथ्वी माता प्रसन्न हो जाती हैं.
अब हम आपको पृथ्वी पूजन विधि और व्रत के बारे में बताने वाले हैं. इसकी विस्तृत जानकारी हमने नीचे दी हैं.
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पृथ्वी पूजन विधि और व्रत
जब किसी नई भूमि पर किसी वस्तु का निर्माण करना होता है. तो उससे पहले भूमि पूजन (पृथ्वी पूजन) किया जाता हैं. ऐसा माना जाता है की भूमि पूजन करने से अगर वहा की भूमि पर कोई दोष है. या फिर भूमि मालिक पर कोई दोष है. तो दूर हो जाता हैं. पृथ्वी पूजन की विधि हमने नीचे बताई हैं.
- सबसे पहले प्रात:काल उठकर जिस भूमि का पूजन होने वाला हैं. उस जगह को साफ करके गंगाजल छिडककर शुद्ध किया जाता हैं.
- अब भूमि पूजन के लिए किसी योग्य ब्राह्मण की सहायता ले.
- पूजा के समय ब्राह्मण को उत्तर की तरफ और जातक को पूर्व की तरफ मुख रख के बैठना चाहिए.
- अगर जातक विवाहित है. तो अपनी बायं तरफ अपनी अर्धांगीनी को बिठाए.
- अब मंत्र द्वारा उस जगह की शुद्धी की जाती हैं.
- अब गणेशजी की आराधना करके चांदी का नाग और कलश की पूजा की जाती हैं.
- अब भगवान विष्णु के सेवक शेषनाग की पूजा की जाती हैं. भगवान शेषनाग ने पूरी पृथ्वी को संभाल रखा है. उसी तरह अपनी भूमि को संभाल के रखे उस मान्यता से उनकी पूजा की जाती हैं.
- अब कलश में दूध, दही, चांदी का सिक्का, सुपारी आदि डालकर शेषनाग, लक्ष्मी जी और गणेश जी का आह्वान किया जाता हैं. और भूमि की रक्षा के लिए प्रार्थना की जाती हैं.
- इस दिन जातक को उपवास रखना चाहिए. अगर चाहे तो पुरे दिन का उपवास भी रख सकते हैं. इस दिन सिर्फ फलाहार लेकर भी व्रत रख सकते हैं.
भूमि पूजन विधि विधान से किया जाना जरूरी हैं. अन्यथा कुछ भी बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं.
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पृथ्वी पूजन की सामग्री
पृथ्वी पूजन में गंगाजल, आम तथा पान वृक्ष के पत्ते, कलावा, रोली, चावल, लाल सूती कपडा, कलश, कपूर, पुष्प, साबुत सुपाड़ी, नाग-नागिन जोड़ा, दुर्बा घास, लौंग, इलायची, अगरबत्ती, धूपबत्ती, सिक्के, हल्दी पाउडर आदि सामग्री की आवश्यकता होती हैं.
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पृथ्वी पूजन क्यों जरूरी है
जब किसी नई भूमि पर कुछ निर्माण किया जाता है. तो उसके पहले पृथ्वी पूजन कराना जरूरी हैं. क्योंकि ऐसा माना जाता है की जिस जगह पर आप निर्माण कराने वाले है. उस जगह पर अगर कोई दोष है. तो भूमि पूजन करने से दोष दूर हो जाता हैं.
जब हम नई जमीन खरीदते है. तब पूर्व मालिक की कुछ गलती की वजह से भूमि अपवित्र हुई हो तो हमारे द्वारा भूमि पूजन कराने से भूमि पवित्र हो जाती हैं. इसलिए पूजा द्वारा भूमि को पवित्र भी किया जा सकता हैं.
भूमि पर निर्माण कराने से पहले अगर भूमि पूजन किया जाए तो कार्य अच्छे से पूर्ण होता हैं. तथा अन्य परेशानियों से भी मुक्ति मिलती हैं.
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निष्कर्ष
दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से पृथ्वी पूजन मंत्र तथा सम्पूर्ण पूजन विधि बताई हैं. और पृथ्वी पूजन में लगने वाली सामग्री तथा पृथ्वी पूजन करना क्यों जरूरी है इस बारे में भी बताया हैं.
अगर आप भी नई जमीन पर कुछ नया निर्माण करवाना चाहते है. तो पृथ्वी पूजन जरुर करवाए. हम उम्मीद करते है की आपको हमारा यह आर्टिकल उपयोगी साबित हुआ होगा.
दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह पृथ्वी पूजन मंत्र / पूजन विधि आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद
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