बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक कब लगाना चाहिए | बिल्व वृक्ष का धार्मिक महत्व

बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक कब लगाना चाहिए | बिल्व वृक्ष का धार्मिक महत्व – बेलपत्र भगवान शिव का अतिप्रिय माना जाता हैं. इसलिए भगवान शिव के भक्त शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाकर उन्हें प्रसन्न करते हैं. हमारे धार्मिक शास्त्रों में बेलपत्र के पेड़ को पूजनीय माना गया हैं.

कुछ शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है. की माता पार्वती के पसीने से बेलपत्र पेड़ की उत्पति हुई हैं. इसलिए बेलपत्र का पेड़ भगवान शिव का अतिप्रिय माना जाता हैं. जैसे तुलसी के पौधे में माता लक्ष्मी का वास होता हैं. इसी प्रकार बेलपत्र पेड़ में माता पार्वती का वास होता है.

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दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक कब लगाना चाहिए तथा बेल वृक्ष की पूजा कैसे करें. इसके अलावा इस टॉपिक से संबंधित अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक जरुर पढ़े.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

Table of Contents

बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक कब लगाना चाहिए

बेलपत्र के पेड़ के नीचे आप शाम को दीपक जला सकते है.

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बेल वृक्ष की पूजा कैसे करें

बेल वृक्ष की पूजा बहुत आसान तरीके से होती हैं. बेल वृक्ष की पूजा आप शाम के समय सिर्फ घी का दीपक जलाकर कर सकते हैं.

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बेलपत्र का पेड़ घर में लगाना चाहिए या नहीं

जी हां, बेलपत्र का पेड़ घर में लगा सकते है.

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बेलपत्र का पौधा किस दिन लगाना चाहिए / बेलपत्र का पेड़ कब लगाना चाहिए

सोमवार का दिन भगवान शिव का दिन माना जाता हैं. और बेलपत्र भगवान शिव का अतिप्रिय माना गया हैं. इसलिए बेलपत्र का पौधा सोमवार के दिन लगाना अतिशुभ माना जाता हैं.

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बेल का पेड़ का महत्व / बिल्व वृक्ष का धार्मिक महत्व

बेल के पेड़ के कुछ धार्मिक महत्व और फायदे हमने नीचे बताए हैं.

  • जिस प्रकार तुलसी का पौधा पूजनीय माना जाता हैं. इसी प्रकार बेल का पेड़ भी पूजनीय माना जाता हैं.
  • कुछ धार्मिक शास्त्रों के अनुसार बेल के पेड़ की उत्पति माता पार्वती के पसीने से हुई हैं. इसलिए बेलपत्र भगवान शिव का प्रिय माना जाता हैं.
  • जैसे तुलसी के पौधे में माता लक्ष्मी का वास होता हैं. इसी प्रकार बेल के पेड़ में माता पार्वती का वास होता हैं. इसलिए के पेड़ को पूजनीय मानकर पूजा करनी चाहिए. तथा बेल पेड़ का नियमित रूप से दर्शन करना चाहिए.
  • कुछ धार्मिक शास्त्रों के अनुसार बेल के पेड़ की जड़ में ब्रह्माजी तथा बेल के पेड़ के मध्य में भगवान विष्णु का वास होता हैं. तथा बेल पेड़ के शिखर के ऊपर भगवान शिव का वास माना जाता हैं.
  • बेल के पेड़ में माता पार्वती, भगवान शिव, ब्रह्माजी तथा भगवान विष्णु वास करते हैं.
  • बेल के पेड़ को घर में लगाना शुभ माना जाता हैं. तथा इसके रोजाना दर्शन से बड़ी से बड़ी तीर्थ यात्रा करने की अनुभूति होती हैं. बेल पेड़ को छूने से भगवान शिव का स्पर्श करने की अनुभूति होती है.
  • बेल पेड़ की घी के दीपक से पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते है. तथा भक्तो की सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं.
  • बेल पेड़ की पूजा करने से तथा रोजाना दर्शन करने से हमारे कष्टों का निवारण होता हैं.
  • घर में बेल का पेड़ लगाकर पूजा-अर्चना करने से धन की प्राप्ति होती है. तथा सभी दुखो से मुक्ति मिलती हैं.

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बेल का पेड़ घर में किस दिशा में लगाना चाहिए

बेल का पेड़ घर में पश्चिम-उत्तर दिशा में लगाना शुभ माना जाता हैं. इसके अलावा आप सिर्फ उत्तर दिशा में भी बेल का पेड़ लगा सकता हैं.

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बेल पत्र तोड़ने का नियम

कुछ लोग बेल पत्र बीना किसी बात का ध्यान रखे तोड़ लेते हैं. लेकिन बेल पत्र तोड़ने के भी कुछ नियम है. जो हमने नीचे बताए है.

  • जब भी आप बेल पत्र तोड़े टहनी सहित नही तोडना चाहिए.
  • बेल पत्र तोड़ते समय ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करते हुए तोडना चाहिए.
  • अष्टमी, चतुर्थी, सोमवार तथा अमावस्या के दिन बेल पत्र नहीं तोडना चाहिए.

बेलपत्र के बारे में कुछ ख़ास बातें

बेलपत्र के बारे कुछ महत्वपूर्ण बातें हमने नीचे बताई हैं.

  • बेलपत्र का वानस्पतिक नाम एग्ल मार्मेलोस है.
  • इस पौधे की उंचाई 12 इंच के करीब की होती हैं.
  • बेलपत्र के पौधे की चौड़ाई 6 से 7 इंच के करीब की होती हैं.
  • बेलपत्र के फुल का रंग थोडा हरा और पीला होता हैं.
  • बेलपत्र के पौधों को विकास के लिए कम से कम 6 घंटे धुप की जरूरत पड़ती हैं. बीना धुप के बेलपत्र के पौधों का विकास नही होता हैं.
  • बेलपत्र के पौधे के अच्छे विकास के लिए 20 से 35 डिग्री तापमान होना जरूरी होता हैं.
  • बेलपत्र के पौधे के लिए वास्तु दिशा उत्तर-दक्षिण मानी जाती हैं.

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

बेलपत्र का पौधा किस देवता का प्रिय माना जाता है?

शास्त्रों के अनुसार बेलपत्र का पौधा भगवान शिव का अतिप्रिय माना जाता हैं. अगर आप भगवान शिव के शिवलिंग पर बेलपत्र का पौधे अर्पित करते हैं. तो इससे भगवान शिव आप पर प्रसन्न होते हैं. इससे जातक को भगवान शिव के आशीर्वाद की प्राप्ति होती हैं.

बेलपत्र को संस्कृत में कौनसे नाम से जाना जाता है?

बेलपत्र को संस्कृत भाषा में बिल्व पत्र के नाम से जाना जाता हैं.

बेलपत्र को अंग्रेजी में क्या नाम से जाना जाता है?

बेलपत्र को अंग्रेजी भाषा में एगल मार्मेलोस और वुड एप्पल के नाम से जाना जाता हैं.

बेल के फल में क्या पाया जाता है?

अगर देखा जाए तो बेलपत्र का उपयोग औषधि के रूप में भी किया जाता हैं. बेलपत्र के फल में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं. जैसे की बेलपत्र के फल में विटामिन, खनिज, कैल्शियम, पोटेशियम, फाइबर, बी12 और बी1 भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं.

बेलपत्र का सेवन करने से क्या होता हैं?

बेलपत्र के पत्तो में ढेर सारे औषधीय गुण पाए जाते हैं. इसलिए बेलपत्र का सेवन करने से उच्चरक्तचाप, ह्रदय और कोलेस्ट्रोल जैसी बीमारी को काफी हद तक कम किया जा सकता हैं.

बेलपत्र की पूजा करने से क्या होता है?

हमारे पुराने शास्त्रों के अनुसार बेलपत्र के पेड़ के नीचे शिवलिंग स्थापित करने के पश्चात भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा अर्चना करने से हमें भगवान शिव के विशेष आशीर्वाद की प्राप्ति होती हैं.

क्या बेलपत्र का पौधा घर में लगाना शुभ होता है अशुभ?

हाँ बेलपत्र का पौधा घर में लगाना शुभ माना जाता हैं. अगर आप आपके घर में बेलपत्र का पौधा लगाते हैं. तो आप पर भगवान शिव की कृपा हमेशा के लिए बनी रहती हैं.

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया की बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक कब लगाना चाहिए तथा बेल वृक्ष की पूजा कैसे करें. इसके अलावा इस टॉपिक से संबंधित अन्य और भी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की हैं. हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ है तो आगे जरुर शेयर करे.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक कब लगाना चाहिए / बिल्व वृक्ष का धार्मिक महत्व आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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